नयी दिल्ली। कोरोना के बढ़ते कहर के बीच छात्र-छात्राओं में मानसिक परेशानियों भी बढ़ती जा रही है। बच्चों के भविष्य को देखते हुए स्कूल और कॉलेज को फिर से खोलने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि अंतिम फैसला सरकार का नहीं बल्कि बच्चों के मां बाप का होगा, उनकी राय जानने के बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा।
एक न्यूज चैनेल की खबर के मुताबिक केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बच्चों के अभिभावकों की राय जानने के निर्देष दिए हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा भेजे गए सर्क्यूलर में ये जानने के लिए कहा गया है स्कूलों को फिर से खोलने पर अभिभावकों की स्कूलों से क्या अपेक्षाएं हैं।अभिभावकों से पूछा जाए कि वे अगस्त, सितंबर या अक्टूबर कब से स्कूलों को फिर से खोले जाने पर सहमत हैं।
खबरों के अनुसार अभिभावकों से भी यह भी पूछा जाएगा कि जब स्कूल दोबारा खोल दिए जाएंगे, तब उनकी क्या एक्सपेक्टेशंस रहेगी। बता दें कि बच्चों की बढ़ती मानसिक परेशानियों के समाधान के लिये मानव संसाधन विकास मंत्रालय ‘‘मनोदर्पण” कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है । इसमें ऐसे कई रचनात्मक कार्य एवं सुझाव हैं जिससे विद्यार्थियों को मानसिक तनाव से बाहर निकलने में मदद मिलेगी।
इसमें स्कूल से लेकर कॉलेज तक के विद्यार्थियों की समस्याएं को लेकर दिशानिर्देश एवं सुझाव दिये गए हैं। मनोदर्पण में विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं परिवारों के लिये परामर्श भी दिये गए हैं । इसमें कहा गया है कि कोरोना (कोविड-19) वास्तव में सम्पूर्ण विश्व के लिए एक चुनौतीपूण समय है। यह वैश्विक महामारी न केवल एक गंभीर चिकित्सा चिंता है, बल्कि सभी के लिये मिश्रित भावनाएं और मनो-सामाजिक तनाव भी लाती है।
बच्चों और कशोरों पर विशेष ध्यान देने के साथ, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं उभर रही हैं। मनोदर्पण के तहत परामर्श में सुझाया गया है कि छात्र प्रभावी ढंग से संवाद करें। अपने परिवार के साथ बातचीत और जुड़ाव पर ध्यान दें। हर दिन अपने लिये समय निर्धारित करें । भ्रामक समाचारों और अफवाहों से बचें ।