लखनऊ। लखनऊ में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का काफिला रोका गया। जिसके बाद काफिले को रोके जाने पर AAP कार्यकर्ता में आक्रोश है। कार्यकर्ता पीजीआई रोड ब्रिज के पास धरने पर बैठ गये और नारेबाजी की। उनके काफिले को जब पुलिस ने रोका तो पुलिस अधिकारियों से फोन पर बातचीत करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि माफ करियेगा आप परमीशन देने वाले कोई नहीं होते।
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माफ करियेगा आप परमीशन देने वाले कोई नहीं होते, काफिला रोके जाने पर बोले मनीष सिसोदिया
जानकारी के मुताबिक लखनऊ पुलिस कमिश्नर से सिसोदिया की फोन पर बात हुई। काफिले को रोके जाने पर बोले मनीष सिसोदिया कमिश्नर ने जाने की अनुमति नहीं दी। बैरिकेड लगा कर काफिला रोका गया। सिसोदिया ने यहां कहा कि यूपी सरकार एक्सपोज होने से डर रही है। उन्होंने कहा कि ‘दिल्ली में कही भी स्कूल, अस्पताल देखें, हम नहीं रोकेंगे’। किस कानून के तहत रोका, सरकार जवाब दे। उनके काफिले को जब पुलिस ने रोका तो पुलिस अधिकारियों से फोन पर बातचीत करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि माफ करियेगा आप परमीशन देने वाले कोई नहीं होते।
बता दें कि मनीष सिसोदिया का काफिला रोका गया। पीजीआई से पहले पुलिस ने काफिला रोका। सरकारी स्कूल का निरीक्षण करने जा रहे थे। मनीष सिसोदिया ने सीपी लखनऊ से बात की। कमिश्नर डीके ठाकुर से फोन पर बात की। बता दें कि शिक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश और दिल्ली के सत्तारूढ़ दलों के बीच जंग छिड़ी हुई है। इसी वजह से मनीष सिसोदिया शिक्षा पर बहस करने के लिए आज लखनऊ पहुंचे थे। लखनऊ के कुछ स्कूलों का हाल देखने के लिए जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने जाने से रोक दिया और हिरासत में ले लिया। पुलिस का कहना है कि इसके लिए परमीशन नहीं ली गई थी।

उनके काफिले को जब पुलिस ने रोका तो पुलिस अधिकारियों से फोन पर बातचीत करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि माफ करियेगा आप परमीशन देने वाले कोई नहीं होते।इससे पहले सुबह लखनऊ पहुंचने पर मनीष सिसोदिया ने कहा था कि केजरीवाल जी ने जब कहा कि AAP यूपी विधानसभा चुनाव लड़ेगी तब से BJP सरकार बौखला गई और उनके मंत्रियों ने चुनौती दी कि दिल्ली के गवर्नेंस मॉडल और उनके मॉडल पर वे खुली बहस के लिए तैयार हैं। उस खुली बहस की चुनौती को स्वीकार करते हुए मैं लखनऊ आया हूं। उन्होंने कहा कि मैंने उसी समय सिद्धार्थनाथ सिंह जी को कहा था कि मैं आपका निमंत्रण स्वीकार करता हूं। अभी तक उन्होंने समय और स्थान नहीं बताया है। उम्मीद है कि पिछले चार साल में यूपी सरकार ने शिक्षा, बिजली और रोज़गार के लिए जो काम किए होंगे उस पर खुली बहस के लिए मंत्री जी आएंगे।
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