कोरोना महामारी के लगातार बढ़ते प्रकोप के कारण सोना एक बार फिर लंबी लंबी छलांग लगाने लगा है। सोने की कीमत में सिर्फ अप्रैल के महीने में ही 3674 रुपये प्रति 10 ग्राम तक की उछाल आ चुकी है। इस महीने सोने की कीमत लगभग 8 फीसदी चढ़ चुकी है, वहीं चांदी में भी करीब 11 फीसदी की तेजी आई है। माना जा रहा है कि हालात अगर ऐसे ही रहे तो जल्दी ही सोना प्रति दस ग्राम 60 हजार रुपये के रिकॉर्ड स्तर तक भी पहुंच सकता है।
पिछले महीने 31 मार्च को भारतीय सर्राफा बाजार जब बंद हुआ था, तब सोने की कीमत 44190 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो अब उछाल भरते हुए 47864 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। इसी तरह चांदी की कीमत भी 62862 प्रति किलो से बढ़कर अब 69966 रुपये प्रति किलो हो गई है। यानी अप्रैल के महीने में ही चांदी की कीमत में अभी तक 5948 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है।
सर्राफा बाजार के जानकारों का कहना है कि देश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था में एक बार फिर भारी गिरावट होने के संकेत नजर आने लगे हैं। मयंक कमोडिटी के सीईओ मयंक श्रीवास्तव के मुताबिक कोरोना के संक्रमण के कारण देश में अस्थिरता और अनिश्चितता का माहौल बन गया है। कई राज्यों में लॉकडाउन जैसी सख्त पाबंदियां लागू कर दी गई हैं। इस वजह से कुछ दिन पहले तक अर्थव्यवस्था में जिस तेजी का अनुमान लगाया जा रहा था, वो अब संकट में पड़ता दिखने लगा है।
मयंक का कहना है कि इसके अलावा भारतीय शेयर बाजार भी इस जानलेवा बीमारी के कहर से नहीं बच सका है। इस बीमारी के डर की वजह से शेयर बाजार में भी लगातार उतार-चढ़ाव जैसे हालात बने हुए हैं। खुदरा और थोक महंगाई दर में भी तुलनात्मक रूप से बढ़ोतरी हुई है। इसकी वजह से बने घबराहट वाले माहौल में लोगों को सोने में निवेश करना सबसे सुरक्षित लग रहा है। उनका मानना है कि आने वाले 5 से 6 महीने में सोना 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को भी पार कर सकता है।
इसी तरह धमीजा कमोडिटीज के वाइस प्रेसिडेंट हर्षवर्धन धमीजा का कहना है शेयर बाजार के उतार चढ़ाव और दुनिया भर के बाजार में बनी अनिश्चितता ने निवेशकों का सोने की ओर रुझान बढ़ा दिया है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर में कमजोरी और डॉलर के सापेक्ष रुपये की कमजोरी ने भी भारत में सोने को तेज कर दिया है। दरअसल दुनिया की प्रमुख मुद्राओं में डॉलर पहले के मुकाबले कमजोर हुआ है। लेकिन अगर रुपये के संदर्भ में बात की जाए, तो डॉलर के मुकाबले रुपया और भी कमजोर हुआ है। इस वजह से भी सोने के भाव को सपोर्ट मिला है।
हर्षवर्धन धमीजा के मुताबिक एक बड़ी बात चीन में बैंकों को सोना इंपोर्ट करने की मंजूरी मिलना भी है। चीन की सरकार ने बैंकों को अंतरराष्ट्रीय बाजार से सोने का इंपोर्ट कर स्वर्ण भंडार को मजबूत करने की मंजूरी दे दी है। इसकी वजह से भी आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत में तेजी देखी जा सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने में तेजी आएगी, तो स्वाभाविक रूप से हर साल अपनी जरूरत का करीब 90 फीसदी सोना अंतरराष्ट्रीय बाजार से खरीदने वाले भारत में भी सोने की कीमत तेज होगी।
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आपको बता दें कि पिछले साल भी जब कोरोना अपने चरम पर पहुंचा था, तो भारतीय बाजार में सोना उच्च स्तर पर पहुंच गया था। अगस्त 2020 में सोने 56200 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल टाइम हाई लेवल पर था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना संक्रमण का डर कम हुआ, वैसे वैसे सोने की कीमत में भी गिरावट आई। जिसके कारण सोने की कीमत में प्रति दस ग्राम करीब 12 हजार रुपये तक की गिरावट आ गई और ये 44 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक पहुंच गया। हालांकि फिर संक्रमण में तेजी आने के साथ ही सोने की कीमत में एक बार फिर उछाल दिखने लगा है और सोना आम भारतीय की पहुंच से दूर होता नजर आने लगा है।