बीजेपी की नेता और प्रवक्ता रही नुपूर शर्मा (Nupur Sharma) को पार्टी ने निलंबित कर दिया है. बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा के एक टीवी डिबेट में मोहम्मद पैगंबर पर एक टिप्पणी से बवाल मच गया है. कई मुस्लिम देशों ने नुपूर के बयान की निंदा की है. साथ ही बीजेपी (BJP) नेता के बयान पर नाराजगी जताई है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने 2 प्रवक्ताओं को इस्लाम और पैगंबर पर की गई टिप्पणी को लेकर कड़ी कार्रवाई की है. नुपूर शर्मा को बीजेपी ने पार्टी से निलंबित कर दिया है. साथ ही नवीन जिंदल को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. भारतीय जनता पार्टी ने नुपूर शर्मा पर कार्रवाई करते हुए अपने संविधान संविधान के नियम 10 (ए) को लागू करके निलंबित करने का फैसला किया है.
इस खबर में ये है खास-
पार्टी संविधान का अनुच्छेद 2 उद्देश्य को निर्धारित करता
बीजेपी के संविधान में 34 अनुच्छेद हैं
नियम 10 से निष्कासन की होती कार्रवाई
पार्टी संविधान का अनुच्छेद 2 उद्देश्य को निर्धारित करता
नुपूर शर्मा को लिखे पत्र में, भाजपा की केंद्रीय अनुशासन समिति के सदस्य सचिव ओम पाठक ने कहा कि आपने विभिन्न मामलों पर पार्टी की स्थिति के विपरीत विचार व्यक्त किए हैं, जो कि संविधान के नियम 10 (ए) का स्पष्ट उल्लंघन है. भाजपा के संविधान का अनुच्छेद II पार्टी के “उद्देश्य” को निर्धारित करता है, जिसका गठन 1980 में तत्कालीन भारतीय जनसंघ के सदस्यों द्वारा किया गया था. भाजपा का उद्देश्य कहता है कि पार्टी का उद्देश्य एक लोकतांत्रिक राज्य की स्थापना करना है, जो सभी नागरिकों को जाति, पंथ या लिंग, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक न्याय, अवसर की समानता और विश्वास और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है.
बीजेपी के संविधान में 34 अनुच्छेद हैं
भारतीय जनता पार्टी के संविधान में 34 अनुच्छेद है. पार्टी सदस्यता फॉर्म भरने के साथ-साथ किसी को यह संकल्प लेना होगा कि “मैं धर्म पर आधारित धर्मनिरपेक्ष राज्य और राष्ट्र की अवधारणा की सदस्यता लेता हूं … मैं पार्टी के संविधान, नियमों और अनुशासन का पालन करने का वचन देता हूं.” अनुशासन के उल्लंघन के मामले में “अनुशासनात्मक कार्रवाई” के भाग के रूप में 10-भाग की प्रक्रिया को सूचीबद्ध किया गया है. अनुशासन के उल्लंघन के छह प्रकार सूचीबद्ध हैं.
अरविंद केजरीवाल का सनसनीखेज दावा, कहा- सत्येन्द्र जैन के बाद अब मनीष सिसोदिया का नंबर
नियम 10 से निष्कासन की होती कार्रवाई
बीजेपी संविधान का नियम 10 पार्टी अध्यक्ष को सदस्यों को अनुशासित करने का असाधारण अधिकार देता है. इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष यदि चाहें तो किसी भी सदस्य को निलंबित कर सकते हैं और फिर उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर सकते हैं. इसी नियम के तहत शर्मा को उनके खिलाफ जांच से पहले ही निलंबित कर दिया गया है. पैरा (A) के तहत कार्यक्रम या पार्टी के निर्णय के खिलाफ प्रचार करना या प्रचार करना अनुशासन का उल्लंघन परिभाषित किया है.