खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा पहुंचे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने खरगोन हिंसा को लेकर कहा कि यह संयोग नहीं प्रयोग है। इस तरह की हिंसा कर प्रयोग किए जा रहे हैं। वहीं जब उनसे एक पत्रकार ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान पर रिएक्शन लेना चाहा तो वह नाराज हो गए। उन्होंने पत्रकार से ही सवाल करते हुए कहा कि आखिर आपको मोहन भागवत से इतना प्रेम क्यों हैं। जिसके बाद वह पत्रकार वार्ता छोड़ कर चले गए।
केंद्रीय मंत्री और हिंदूवादी छवि रखने वाले भाजपा नेता गिरिराज सिंह अपने सरकारी दौरे पर खंडवा पहुंचे हैं। यह वह ग्रामीण क्षेत्रों में दौरा कर विकास का जायजा लेने आए हैं। खंडवा पहुंचे गिरिराज सिंह में पार्टी कार्यकर्ताओं की सभा को संबोधित करते हुए मोदी सरकार के विकास कार्य को गिनाया। तो वही बढ़ती हुई जनसंख्या पर चिंता जताते हुए उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाए जाने की बात भी कही। गिरिराज सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि देशभर में हो रही घटनाएं संयोग नहीं एक तरह का प्रयोग है। उन्होंने कहा कि बिहार का सरजील इस्लाम असम को काटने की बात करता है। तो गोरखपुर में मुर्तुजा मंदिर में हमला करने पहुंच जाता है।
वहीं उन्होंने खरगोन का जिक्र करते हुए कहा कि खंडवा के पड़ोस में जो हुआ वह मात्र संयोग नहीं है। वह एक तरह का प्रयोग है। उन्होंने कहा कि यह प्रयोग आजादी के पहले से चला आ रहा है। उन्होंने गजवा ए हिंद का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में कुछ शक्तियां गजवा ए हिंद लागू करना चाहती है। गिरिराज सिंह ने आजादी के पहले हुए बंटवारे को लेकर भी बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों की गलती है। जब मुसलमानों को अलग मुल्क दे दिया था तो जो बचे हैं उन्हें भी वही भेज देना था।
पत्रकार वार्ता में सवालों के जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाई। तो वहीं उन्होंने सांप्रदायिक हिंसा को लेकर संयोग और प्रयोग की बात कही। इसी बीच एक पत्रकार ने आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत के हरिद्वार वाले बयान पर उनकी टिप्पणी जानना चाही तो गिरिराज सिंह भड़क गए । उन्होंने पत्रकार से पूरा सवाल भी नहीं सुना उल्टा भड़क कर कहने लगे तुम्हें मोहन भागवत से कितना प्रेम क्यों है। इसके बाद वह प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर चले गए।
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बता दें कि संघ प्रमुख मोहन भागवत में हरिद्वार में एक बयान दिया था कि संतों की ओर से ज्योतिष के अनुसार 20 से 25 साल में भारत फिर से अखंड भारत होगा ही। यदि हम सब मिलकर इस कार्य की गति बढ़ायेंगे तो 10 से 15 साल में अखंड भारत बन जायेगा। उनके इसी सवाल पर खंडवा के एक पत्रकार ने गिरिराज सिंह की प्रतिक्रिया जानना चाही थी जिससे वह नाराज हो कर चले गए।