यूपी सरकार का एक्शन मोड लगातार जारी है। योगी सरकार ने बाराबंकी जिला कारागार के जेल अधीक्षक, डिप्टी जेलर सहित दो जेल वार्डर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए सभी को सस्पेंड कर दिया गया है. योगी सरकार के जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने जिला जेल का मंगलवार को औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान जेल में कई कमियां मिली थीं. उन्होंने कैदियों को दिया जाने वाला भोजन खुद तो खाया ही साथ ही अधिकारियों को भी खिलाया था. वहीं खाने की गुणवत्ता गड़बड़ मिलने के बाद जेल के अफसरों पर कार्रवाई भी की है. इनके निलंबन की पुष्टि डीजी जेल आनंद कुमार ने की है.
बता दे कि बाराबंकी जिले की इस मामले को लेकर रामनगर विधानसभा सीट से विधायक शरद कुमार अवस्थी ने शासन से शिकायत की थी, जिसमें कहा था कि जिला कारागार बाराबंकी के अंदर कैदियों से हाता के नाम पर 25 हजार रुपये प्रति माह घूस के नाम पर लिए जाते हैं. इसके अलावा जेल अधीक्षक का CUG नंबर कभी उठता नहीं. उन्होंने आरोप लगाया था कि जेल अधीक्षक हरिबख्श सिंह समाजवादी पार्टी के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं. जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने जिला कारागार बाराबंकी का औचक निरीक्षण इन्हीं शिकायतों पर किया था. करीब डेढ़ घंटे तक चले निरीक्षण में मंत्री ने तमाम शिकायतों की जांच की और बंदियों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की भी जांच करी, जो बेहद खराब मिली.
जेल अधीक्षक हरिबख्श सिंह समेट 4 को निलंबित कर दिया गया है. जिनमें डिप्टी जेलर आशुतोष मिश्रा, हेड जेल वार्डर राजेश भारती, जेल वार्डर सुरेश कुमार भी शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक निरीक्षण के दौरान जेल में मंत्री ने दाल चखी तो पतली तो थी ही साथ ही उसमें कंकड़ भी निकले. इतना ही नहीं भोजनालय और भंडार गृह में अव्यवस्था व गंदगी भी मंत्री ने देखी. ऐसी चीजें भी बंदियों को बाजार से खरीदकर खिलाने की बात सिर्फ कागजों में पाई गईं, जिनका स्वाद तक बंदियों को नहीं पता.
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कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि उन्हें बाराबंकी जिला कारागार को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं. इसी क्रम में उन्होंने जिला कारागार का औचक निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान उन्हें कैदियों ने बताया था कि महिला बंदियों और उनके बच्चों को दिए जाने वाले पौष्टिक आहार उन्हें न देकर जेलकर्मी खुद अपने घर ले जाते हैं. वहीं जेल की कैंटीन में भी बंदियों को तय मूल्य से डेढ़ दो गुना दाम पर सामान मिलता है. इसके अलावा परिजनों से मिलने के नाम पर वसूली की भी बात सामने आईं.