उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे नेटवर्क की आधारशिला रखी है। ये कोई छोटा एक्सप्रेस-वे नेटवर्क नहीं है। बल्कि, ये आने वाले समय में दुनिया के कई देशों से अधिक एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी प्रदेश में होगी। प्रदेश 13 एक्सप्रेसवे वाला देश का पहला राज्य बना है।
आपको बता दें कि, 32 सौ किमी के कुल 13 एक्सप्रेसवे में से सात पर काम चल रहा है। जबकि छह एक्सप्रेस वे संचालित हैं। 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को 16 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकार्पित करेंगे। इसके माध्यम से बुंदेलखंड दिल्ली से सीधे जुड़ेगा। दरअसल, सीएम योगी ने पिछले पांच वर्षों में प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर में आमूलचूल परिवर्तन किया है।
इंफ्रास्ट्रक्चर अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन होते हैं और सड़कें तरक्की का आईना होती हैं। डबल इंजन की भाजपा सरकार ने सड़कों के कायाकल्प को लेकर व्यापक स्तर पर कार्य किया है। गांव की गलियों से लेकर, ब्लॉक मुख्यालय, जिला मुख्यालय, दूसरे राज्यों और दूसरे देशों को जोड़ने वाले सड़कों का संजाल निर्मित किया गया है। यह एक्सप्रेसव वे न केवल पूरब और पश्चिम की दूरी को कम करेगा, बल्कि दिलों को भी जोड़ने का कार्य करेगा। इसके अलावा लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे, गाजीपुर-बलिया-मांझीघाट एक्सप्रेस वे और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जा रहा है, इसका लाभ सभी प्रदेशवासियों को मिलेगा। हाईवेज और एक्सप्रेसवेज के किनारे औद्योगिक गलियारे भी बनाए जा रहे हैं।
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ये गलियारे तीव्र संतुलित और समावेशी विकास के साथ-साथ रोजगार की अपार संभावनाओं को गति देंगे । इसके लिए जमीनें चिह्नित की गई हैं। आपातकाल में वायु सेना के विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए हवाई पट्टियां भी बनाई जा रही हैं।