कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुसीबतें कम होती नहीं दिख रहीं हैं। पहले मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा मिली, फिर संसद की सदस्यता चली गई। अब राहुल पर एक और केस की तलवार लटकने लगी है। इस बार वीर सावरकर के पोते ने राहुल को दो टूक कह दिया है कि अगर वह सावरकर पर की गई विवादित टिप्पणी पर माफी नहीं मांगते हैं तो उनपर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
हिंदुत्व विचारक वीर दामोदर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर नाराजगी जताई और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। सावरकर ने कहा, राहुल गांधी इस बात के प्रमाण दें कि सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी।
रंजीत सावरकर ने कहा, राहुल गांधी कह रहे हैं कि वह माफी नहीं मांगेंगे क्योंकि वह सावरकर नहीं हैं। मैं उनको चुनौती देता हूं कि वह सावरकर के माफी मांगने का कोई सबूत दिखाएं।
सावरकर ने और क्या कहा?
वीर दामोदर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने कहा, ‘राहुल गांधी द्वारा सावरकर का नाम राजनीति के लिए किस तरह से बदनाम किया जा रहा है यह देखकर वाकई दुख होता है। ऐसा लगता है कि वे मुसलमानों का भी ध्रुवीकरण कर रहे हैं। महाराष्ट्र में भी सावरकर के नाम पर राजनीति की जा रही है। मेरा अनुरोध है कि सावरकर के नाम का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए न करें।’
उन्होंने आगे संजय राउत, उद्धव ठाकरे और शरद पवार का जिक्र किया। कहा, ‘संजय राउत और उद्धव ठाकरे के मन में सावरकर के प्रति सम्मान हो सकता है, लेकिन जब तक वे सावरकर के लिए अपना समर्थन नहीं दिखाते, इसका कोई मतलब नहीं है। अल्टीमेटम देने के बाद भी कांग्रेस नहीं रुकी और उन्होंने (उद्धव ठाकरे गुट ने) अभी तक कांग्रेस को अलग नहीं किया। इसी तरह शरद पवार जी के मन में भी सावरकर के लिए बहुत सम्मान है, लेकिन उन्हें आगे बढ़कर राहुल गांधी से सावरकर पर अब तक दिए गए अपने बयानों के लिए माफी मांगने के लिए कहना चाहिए।’
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राहुल ने कहा था, सावरकर नहीं हूं जो माफी मांग लूं
राहुल गांधी ने 25 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, वह सरकार से डरेंगे नहीं, सरकार उनको डरा नहीं सकती है। उन्होंने सूरत में आपराधिक मानहानि मामले में सरकार से माफी इसलिए नहीं मांगी है क्योंकि उनका नाम गांधी है, सावरकर नहीं, और गांधी किसी से माफी नहीं मांगता है। उनके इसी बयान पर सावरकर के पोते ने मांग करते हुए कहा, देशभक्तों के नाम का उपयोग राजनीति चमकाने के लिए करना गलत है और इस मामले पर उनपर कार्रवाई होनी चाहिए।