मुख्तार अब्बास नकवी को बड़ा झटका लगा है. पहले उन्हें राज्यसभा का टिकट नहीं मिला और अब रामपुर से लोकसभा का टिकट मिलने की उम्मीद भी खत्म हो गई है. इस तरह अब वे किसी सदन के सदस्य नहीं होंगे और जब सदस्य नहीं होंंगे तो मंत्री पद भी हाथ से चला जाएगा. इस तरह मोदी सरकार में एकमात्र मुस्लिम चेहरे की भी विदाई तय हो गई है. मुख्तार अब्बास नकवी मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री पद को सुशोभित कर रहे थे. 2016 में मुख्तार अब्बास नकवी को झारखंड से राज्यसभा भेजा गया था, लेकिन इस बार उन्हें न झारखंड से रिपीट किया गया और न ही उत्तर प्रदेश से नामित किया गया. और तौ और, उम्मीद थी कि रामपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए मुख्तार अब्बास नकवी बीजेपी की ओर से मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं, लेकिन घनश्याम लोधी की उम्मीदवारी से नकवी की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो गई है.
मुस्लिम मामलों में मजबूती से रखते थे सरकार का पक्ष
मुख्तार अब्बास नकवी मोदी सरकार के एकमात्र मुस्लिम चेहरे के रूप में जाने जाते थे. जब भी मुसलमानों के मामलों में सरकार कोई फैसला लेती थी, चाहे वो तीन तलाक हो, सीएए हो, एनआरसी हो, हिजाब का मामला हो, मुख्तार अब्बास नकवी मोदी सरकार के कवच का काम करते थे. मुख्तार अब्बास नकवी के बहाने बीजेपी यह जताने की कोशिश करती थी कि उसके किसी फैसले से सभी मुसलमानों को ऐतराज नहीं है, बल्कि कुछ मुसलमान उसके फैसले से खुश भी हैं.
तीन सांसदों में से किसी को भी रिपीट नहीं किया बीजेपी ने
मोदी सरकार में तीन मुस्लिम नेताओं को राज्यसभा सांसद बनाया था, जिनमें एमजे अकबर, मुख्तार अब्बास नकवी और जफर इस्लाम शामिल थे. अब ये तीनों रिटायर हो रहे हैं और पार्टी ने इनमें से किसी को रिपीट नहीं किया है. इस तरह से लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी बीजेपी की ओर से कोई मुस्लिम चेहरा नहीं होगा. मुख्तार अब्बास नकवी का कार्यकाल 7 जुलाई, एमजे अकबर का कार्यकाल 29 जून और जफर इस्लाम का कार्यकाल 4 जुलाई को खत्म हो रहा है.
मुख्तार अब्बास नकवी 6 माह में गंवा सकते हैं मंत्री पद
मुख्तार अब्बास नकवी अब अगर 6 माह में किसी सदन के सदस्य नहीं बने तो उनका मंत्री पद जाना तय है. लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी का कोई भी मुस्लिम चेहरा लोकसभा का चुनाव नहीं जीत पाया था. एनडीए से बिहार के एकमात्र मुस्लिम चेहरे महबूब अली कौसर लोजपा से लोकसभा पहुंचे थे.
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वाजपेयी सरकार में नकवी थे सूचना एवं प्रसारण मंत्री
मुख्तार अब्बास नकवी का जन्म 15 अक्टूबर 1957 में इलाहाबाद में हुआ था. उन्होंने हिंदू महिला सीमा नकवी से शादी की है. 1975 में आपातकाल के समय नकवी 17 साल की उम्र में जेल भेजे गए थे. नकवी ने 1991 और 1993 में विधानसभा चुनाव में भी दांव आजमाया था. सबसे पहले 1980 में अयोध्या से स्वतंत्र उम्मीदार के तौर पर नकवी ने लोकसभा चुनाव लड़ा था. 1998 में यूपी के रामपुर से उन्होंने लोकसभा चुनाव जीता और केंद्र में वाजपेयी सरकार में मंत्री भी बने. उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया था. नकवी 2002, 2010 और 2016 में राज्यसभा के लिए चुने गए. वे संसदीय कमेटी में भी रहे और बीजेपी में भी कई बड़े पदों पर रहे.