जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में रविवार को हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के एक डिप्टी कमांडर सहित 3 आतंकवादी मारे गए. इस दौरान आतंकियों के खिलाफ ड्रोन बड़ा हथियार साबित हुआ. इससे सर्च ऑपरेशन में सेना (Security Forces) को बड़ी मदद मिली है. ड्रोन कैमरे में आतंकियों की पोजिशन और हथियार साफ नजर आ रहे थे. इसके बाद सेना ने रणनीति बनाकर तीनों आतंकियों को मार गिराया.
कैमरे में कैद हुए 3 आतंकी
पुलवामा (Pulwama) में ड्रोन से लिए गए फुटेज में तीन आतंकवादी एक मकान के पीछे छिपे हुए साफ दिख रहे हैं. इसमें आतंकियों की लोकेशन और हर हरकत पता चल रही है. सेना की ये तीसरी आंख आतंकवादियों पर नजर रखे हुए है. फुटेज में सेना के जवान और ऑफिसर भी पूरी सतर्कता के साथ बातचीत कर उनकी गतिविधियों पर निगाह रख रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर में किसी आतंकवादी वारदात की ड्रोन से ली गई ये पहली तस्वीर है. इनमें से दो आतंकवादी ड्रोन की तरफ बार-बार देखते हैं और ऊपर की और निशाना लगाने की फिराक में हैं जबकि तीसरा आतंकवादी फोन पर किसी से बातचीत कर रहा है.
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एनकाउंटर में लश्कर कमांडर ढेर
दरअसल रविवार को पुलवामा जिले के पाहू इलाके में तीन आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी. पुलिस और सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर तीनों आतंकियों को मार गिराया. मारे गए आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए थे. इनमें लश्कर का एक बड़ा कमांडर भी शामिल है जिसकी पहचान आरिफ के रूप में हुई है. सुरक्षाबलों ने आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया है.
पुलिस के एक प्रवक्ता के मुताबिक दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के पाहू इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने वहां तलाशी अभियान शुरू किया था. उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान वहां छिपे आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं, इसके बाद सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिससे मुठभेड़ शुरू हुई थी.