देश-विदेश में रह रहे करोड़ों हिंदुओं के लिए बहुत बड़ा दिन है क्योंकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर के गर्भगृह के लिए शिलापूजन किया। इसी के साथ ही गर्भगृह के निर्माण का काम शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि साल 2023 के अंत तक निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा और 2024 की शुरुआत में रामलला भव्य मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होंगे। शिलान्यास के लिए अयोध्या आने से पहले योगी ने अपनी भावनाओं को शब्दों में उड़ेलते हुए सुबह ट्वीट किया, ‘राम काजु कीन्हें बिन मोहि कहां बिश्राम…।’
अयोध्या पहुँच कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में हनुमानजी के पूजन और दर्शन किये इसके बाद उन्होंने रामलला के दर्शन और पूजन कर शिलान्यास कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पूज्य संतों के अलावा उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, राम मंदिर ट्रस्ट से जुड़े लोग, अयोध्या के सांसद, विधायक, आमजन तथा प्रशासनिक अधिकारी गण मौजूद थे। शिलान्यास के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का भव्य मंदिर अयोध्या धाम में बनकर देश और दुनिया के सभी सनातन हिन्दू धर्मावलंबियों की आस्था का प्रतीक तो बनेगा ही साथ ही श्री राम जन्मभूमि मंदिर भारत का राष्ट्र मंदिर भी होगा।
हम आपको याद दिला दें कि राम मंदिर के लिए 500 वर्षों तक चले आंदोलन के बाद 5 अगस्त 2020 को वो दिन आया था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए नींव रखी थी। अब करीब दो साल के बाद गर्भगृह निर्माण के लिए पहला पत्थर रखने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे। बुधवार सुबह वेद मंत्रों के उच्चारण के बीच पूर्ण विधि विधान से शिलाओं का पूजन किया गया। हम आपको बता दें कि अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के गर्भगृह का आकार 20 फीट चौड़ा और 20 फीट लंबा होगा। मंदिर के गर्भगृह की दीवारें 6 फीट मोटी बनाई जा रही हैं। गर्भगृह में मकराना सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया जाएगा। राजस्थान के भरतपुर जिले की बंसी-पहाड़पुर की पहाड़ियों से गुलाबी बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल अयोध्या के राम मंदिर में किया जा रहा है।