यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनकी पूरी कैबिनेट ने बुधवार देर शाम राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। हालांकि इस अप्रत्याशित बैठक को लेकर कोई जानकारी राज्य सरकार और राजभवन की तरफ से साझा नहीं हुई। द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि योगी सरकार के सभी मंत्रियों ने आनंदीबेन पटेल को अपने काम और अपने विभागों के लिए भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
बता दें कि यह मीटिंग बुधवार की शाम चार बजे से करीब चार घंटे तक चली। बैठक को लेकर सूत्रों का कहना है कि राज्यपाल पटेल ने प्रत्येक मंत्री से व्यक्तिगत रूप से बात की।
गौरतलब है कि राज्यपाल संग राज्य के सभी मंत्रियों की मीटिंग सामान्य नहीं मानी जा रही। आम तौर पर गणतंत्र दिवस के मौके पर राज्यपाल द्वारा सीएम समेत मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों को डिनर पर बुलाया जाता है। लेकिन हाल ही में योगी सरकार में हुए तबादलों पर उठे सवाल और मंत्रियों में असंतोष की स्थिति को देखते हुए इस मीटिंग के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
दरअसल बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सहित कुछ मंत्रियों ने अधिकारियों के तबादले पर सवाल उठाए थे। वहीं जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक अपनी ही सरकार से नाराज नजर आए। उन्होंने यह आरोप लगाते हुए अपने इस्तीफे की पेशकश की थी कि उनके विभागों के अधिकारी उनकी बात नहीं सुन रहे हैं क्योंकि वह दलित हैं।
ऐसे में सरकार के भीतर नजर आ रहे असंतोष के बीच राज्यपाल संग कैबिनेट की मीटिंग काफी अहम मानी जा रही है। खबर है कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने केंद्र सरकार के इशारे पर ही योगी सरकार के पूरे मंत्रिमंडल को तलब किया और सभी मंत्रियों से बात की।
बैठक को लेकर राज्य सरकार के एक मंत्री ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “इस तरह की मीटिंग निश्चित रूप से एक कम देखने को मिलती है लेकिन पहला मौका नहीं था। 2019 में भी कुछ इस तरह की बैठक हुई थी। हालांकि इस बार, बैठक में अधिक संवाद हुए और हर मंत्री को अपने काम के बारे में बोलने के लिए लगभग चार मिनट का समय मिला। यह एक नई परंपरा की शुरुआत करने जैसा है, जहां नए सदस्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया था।”