मुंबई । मुंबई उच्च न्यायालय ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे और उनके समर्थकों को निर्देश दिया वे मंगलवार को अपराह्न तीन बजे तक आजाद मैदान खाली करें, नहीं तो कार्वाई का सामना करने के लिए तैयार रहें। अदालत ने चेतावनी दी कि अगर जरांगे और उनके समर्थक जगह खाली नहीं करते हैं तो उन पर कड़ी कार्वाई की जाएगी जिसमें भारी जुर्माना और अवमानना का मुकदमा भी शामिल है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति आरती साठे जरांगे की पीठ ने कहा कि वे चाहते हैं कि अपराह्न तीन बजे तक पूरी तरह सामान्य स्थिति बहाल हो जाए। उच्च न्यायालय ने कहा कि जरांगे और उनके समर्थकों ने कानून का उल्लंघन किया है और इसलिए उन्हें बिना अनुमति के आजाद मैदान पर कब्जा करने का कोई अधिकार नहीं है।अदालत ने कहा, यह बहुत गंभीर स्थिति है। हम राज्य सरकार से भी संतुष्ट नहीं हैं। ऐसा लगता है कि सरकार की ओर से भी कुछ चूक हुई है। जरांगे की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश मानेशिंदे ने मुंबई की सड़कों पर उनके कुछ समर्थकों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के लिए माफी मांगी और कहा कि आरक्षण कार्यकर्ता ने पहले दिन से ही यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि किसी भी आम नागरिक को परेशानी न हो।
उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि अब से कोई गलत व्यवहार नहीं होगा। इसके बाद अदालत ने पूछा कि क्या जरांगे और उनके समर्थक आजाद मैदान से चले गए हैं। जरांगे 29 अगस्त से आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं। पीठ ने कहा, वे (जरांगे और उनके समर्थक) उल्लंघनकर्ता हैं और इसलिए उनके पास कोई अधिकार नहीं है। उन्हें तुरंत चले जाना चाहिए, वरना हम कार्वाई करेंगे। यह पूरी तरह से गैरकानूनी है। अपराह्न तीन बजे के बाद हम आजाद मैदान में किसी को भी आने की अनुमति नहीं देंगे।
अदालत ने कहा कि सोमवार को कई प्रदर्शनकारियों ने उच्च न्यायालय को घेर लिया था, जिससे न्यायाधीशों के काम में बाधा उत्पन्न हुई। पीठ ने कहा, इस तरह की स्थिति अस्वीकार्य है कि उच्च न्यायालय को घेराबंदी जैसी परिस्थिति में डाल दिया जाए और एक न्यायाधीश को अदालत तक पहुंचने के लिए पैदल चलकर जाना पड़े। अदालत अब मामले में मंगलवार अपराह्न तीन बजे सुनवाई करेगी। मानेशिंदे ने अदालत को बताया कि जरांगे ने आजाद मैदान में प्रदर्शन जारी रखने की अनुमति के लिए एक नया आवेदन किया है, लेकिन अब तक कोई आदेश पारित नहीं हुआ है। अदालत ने कहा कि कार्यकर्ता और उनके समर्थक अपने आवेदन पर आदेश की आशा में आजाद मैदान पर अवैध रूप से कब्जा नहीं कर सकते।
पीठ ने चेतावनी देते हुए कहा, उन्हें अपराह्न तीन बजे तक खाली करने को कहें, नहीं तो हम कानून के अनुसार सभी कदम उठाएंगे। हम उन पर कठोर जुर्माना लगाएंगे या अवमानना की कार्वाई शुरू करेंगे। हम अपराह्न तीन बजे तक पूरी तरह सामान्य स्थिति चाहते हैं। मानेशिंदे ने अदालत को बताया कि जरांगे पहले भी कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन इस बार स्थिति अलग मोड़ पर पहुंच गई है। उच्च न्यायालय ने आरक्षण कार्यकर्ता और उनके समर्थकों से व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाने को कहा।
मानेशिंदे ने पीठ को बताया कि जरांगे ने चार महीने पहले सरकार को सूचित किया था कि वह मुंबई में प्रदर्शन करेंगे और एक महीने पहले अनुमति के लिए आवेदन किया था, लेकिन अब तक आजद मैदान में कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसके बाद पीठ ने कहा कि आजाद मैदान में केवल 5,000 लोगों के लिए अनुमति थी, लेकिन हजारों प्रदर्शनकारी मुंबई में आ गए हैं। अदालत ने पूछा, आपने (जरांगे ने) यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए कि 5,000 से अधिक लोग नहीं आएं।
जब आपको पता चला कि 50,000 से अधिक लोग मुंबई शहर में घुस आए हैं, तो आपने क्या कदम उठाए? क्या आपने उन्हें मुंबई छोड़ने के लिए कहा? मानेशिंदे ने कहा कि जरांगे ने मीडिया के जरिए अपने समर्थकों से अपील की थी और कहा कि सोमवार को उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद सड़कें खाली करा दी गई हैं और सभी वाहनों को सड़कों से हटा दिया गया है। जरांगे ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समूह के तहत मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में पांच दिनों से अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं और उन्होंने कहा है कि जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती, तब तक वह मुंबई नहीं छोड़ेंगे।
इससे पहले सोमवार को उच्च न्यायालय ने कहा था कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण नहीं था और आजाद मैदान में प्रदर्शन की अनुमति देते समय अधिकारियों द्वारा लगाई गई सभी शर्तों का जरांगे एवं उनके समर्थकों ने उल्लंघन किया है।सोमवार को अदालत ने यह भी कहा कि प्रदर्शन के कारण मुंबई ठप हो गई है और शहर थम सा गया है। अदालत ने सामान्य स्थिति बहाल करने का आग्रह किया। इसके बाद, अदालत ने जरांगे और उनके समर्थकों को स्थिति सुधारने तथा मंगलवार दोपहर तक उनके द्वारा अवरुद्ध एवं कब्जा की गई सड़कों को खाली करने का अवसर दिया। अदालत ने सरकार और पुलिस को शर्तों के उल्लंघन के लिए जरांगे एवं उनके समर्थकों के खिलाफ कानून के अनुसार कदम उठाने का भी निर्देश दिया। मुंबई पुलिस ने मंगलवार को जरांगे और उनकी टीम को एक नोटिस जारी किया और उन्हें जल्द से जल्द आजाद मैदान खाली करने को कहा।