ट्विटर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बढाया सख्त कदम, मोदी सरकार को थमा दी नोटिस

केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार द्वारा ट्विटर  के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों के बीच अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ट्विटर पर आम नागरिकों और उच्च पदों पर आसीन लोगों के फर्जी प्रोफाइल बनाए जाने और फेक न्यूज को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मोदी सरकार और ट्विटर दोनों को नोटिस थमाई है।

सुप्रीम कोर्ट ने लिया फैसला

सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका बीजेपी नेता विनीत गोयनका ने दायर की है। इस याचिका में कहा गया है कि ट्विटर पर आम नागरिक ही नहीं, बड़े संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों के भी नाम और तस्वीर का इस्तेमाल कर फर्जी प्रोफाइल बनाए जा रहे हैं। सिख फ़ॉर जस्टिस जैसे भारत विरोधी संगठनों को भी अपना प्रोपेगेंडा फैलाने की खुली छूट मिली हुई है। इसके अलावा याचिका में फेक न्यूज का भी जिक्र किया गया है। याचिका में मांग की गई है कि ऐसी सामग्रियों पर नियंत्रण के लिए दिशा-निर्देश जारी किया जाए।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस याचिका को संबंधित मसले पर पहले से लंबित याचिकाओं के साथ सुनवाई की जाएगी। कोर्ट ने इससे पहले जिन याचिकाओं को सुनवाई के लिए स्वीकार किया है, उनमें से एक याचिका वकील विनीत जिंदल ने दायर की है। विनीत जिंदल की याचिका पर कोर्ट ने 1 फरवरी को नोटिस जारी किया था।

यह भी पढ़ें: अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला: आरोपी को अदालत ने दिया बड़ा झटका, जेल प्रशासन को सख्त निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने फेक न्यूज़ और फर्जी मैसेज के जरिए घृणा फैलाने वाले ट्विटर कंटेंट और विज्ञापनों की जांच के लिए मैकेनिज्म बनाए जाने पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने ट्विटर और केंद्र से कोई ऐसी व्यवस्था बनाने के लिए कहा है, जिसके जरिए फेक न्यूज़ और भड़काऊ मैसेज को फैलने से रोका जा सके।