लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बेसिक शिक्षा के 812 शिक्षकों की सेवा समाप्त करके उनके खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है। ये शिक्षक आम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा की बीएड डिग्री पर चयनित हुए थे लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस डिग्री को फर्जी बताया है।
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उप्र बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने विभागीय अधिकारियों को आदेश दिया है कि इन फर्जी डिग्रीधारी 812 शिक्षकों के खिलाफ तत्काल नियमानुसार कार्रवाई करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि यदि इन शिक्षकों का दूसरे जिले में स्थानांतरण हो गया है तो संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को सूचित करें।
दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक विशेष अपील की सुनवाई करते हुए 26 फरवरी को उप्र के परिषदीय विद्यालयों में तैनात 814 शिक्षकों की बीएड डिग्री को फर्जी करार दिया था। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में सात अभ्यर्थियों के संबंध में उपलब्ध कराए गए अभिलेखों के आधार पर यूनिवर्सिटी व राज्य को आदेश की तारीख से एक माह का समय पुनर्विचार के लिए भी दिया है। इसके अलावा हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सरकार को चार माह में निर्णय लेने का आदेश दिया है। साथ ही रिकवरी की कार्रवाई नहीं करने को कहा है। ऐसे में सेवा समाप्ति के बाद इन शिक्षकों से वेतन की वसूली नहीं की जाएगी।
हाईकोर्ट के इस आदेश के अनुपालन में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने अपने निर्देश में दो अभ्यर्थियों अनीता मौर्या पुत्री भोला सिंह और विजय सिंह पुत्र हरि सिंह की डिग्री को सही पाया है। इन दोनों अभर्थियों ने क्रमशः टीआरके कालेज अलीगढ़ व केआरटीटी कालेज मथुरा से बीएड किया है। परिषद सचिव ने इनके अलावा 812 अभ्यर्थियों की डिग्री के फर्जी होने की पुष्टि की है। सचिव ने संबंधित अधिकारियों को आदेशित किया है कि विभिन्न जिलों में कार्यरत इन शिक्षकों को चिन्हित करके नियमानुसार इनकी सेवा तत्काल समाप्त करके उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए।
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