रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 2000 रुपए के नोट को वापस लिए जाने के फैसले को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 2000 रुपए के नोट को वापस लिए जाने के फैसले का देश की अर्थव्यवस्था पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है।
पीटीआई को दिए इंटरव्यू में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मैं बिल्कुल स्पष्ट तौर पर कह सकता हूं कि 2000 रुपए के नोट को वापस लिए जाने का कोई भी नकारात्मक प्रभाव अर्थव्यवस्था पर नहीं हुआ है। हालांकि उन्होंने कहा कि इससे कुछ अनिश्चितताएं जरूर आई हैं जिसका भारतीय अर्थव्यवस्था को सामना करना होगा।
शक्तिकांत दास ने कहा कि हमारे सामने दो-तीन चुनौतियां थीं, पहली चुनौती अंतरराष्ट्रीय अनिश्चितता, दूसरी एल नीनो फॉरकास्ट जोकि मुख्य रूप से मौसम से संबंधित था। साथ ही रिजर्व बैंक ने कई बड़े कदम उठाए थे ताकि बैंक दरों को सही तरह से संभाला जा सके और महंगाई दर को 5 फीसदी के आसपास बनाए रखा जा सके।
बता दें कि रिजर्व बैंक ने 19 मई को 2000 रुपए के नोट को सर्कुलेशन से वापस लेने का ऐलान किया था. हालांकि अभी भी ये नोट लीगल टेंडर हैं लोग इसका इस्तेमाल लेनदेन में कर सकते हैं।
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इस नोट को लोग पास की बैंक शाखा में जमा कर सकते हैं, इसे दूसरी नोट से बदल सकते हैं। अधिकतम 10 नोट को बदला जा सकता है या फिर जमा किया जा सकता है।
हालांकि इसे बदलने या जमा करने की कोई निश्चित सीमा नहीं है, इसे कितनी बार भी किया जा सकता है। गौर करने वाली बात है कि नोटबंदी के ठीक बाद 2000 रुपए के नोट को जारी किया गया था।