तुमकुरु की फैक्ट्री में एचएएल द्वारा शुरू में लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर (एलयूएच) का उत्पादन किया जाएगा। एलयूएच तीन टन क्लास का बहुउद्देशीय हेलिकॉप्टर है। इसमें एक इंजन लगा है। आने वाले दिनों में यहां एचएएल के अन्य हेलिकॉप्टरों जैसे लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (एलसीएच) और इंडियन मल्टीरोल हेलिकॉप्टर (आईएमआरएच) का निर्माण होगा। यहां भविष्य में एलसीएच, एलयूएच, सिविल एएलएच और आईएमआरएच की मरम्मत और ओवरहॉलिंग भी होगी।
यहां अगले 20 साल में 3 से 15 टन क्लास के 1000 से अधिक हेलिकॉप्टरों का उत्पादन किया जाएगा। इससे लगभग 6000 लोगों को रोजगार मिलेगा और 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार होगा। यह ग्रीनफील्ड फैक्ट्री है। इसकी आधारशिला 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी ने रखी थी। फैक्ट्री 615 एकड़ में फैली है।
तुमकुरु की फैक्ट्री से भारत को हेलिकॉप्टरों के मामले में आत्मनिर्भरता पाने में मदद मिलेगी। कई देशों से एलसीएच द्वारा बनाए गए हेलिकॉप्टरों को खरीदने के लिए बातचीत चल रही है। यह फैक्ट्री भारत से सैन्य और असैन्य हेलिकॉप्टर के निर्यात को बढ़ावा देगी।
शुरुआत में तुमकुरु की फैक्ट्री में हर साल 30 हेलिकॉप्टर का निर्माण होगा। बाद में धीरे-धीरे निर्माण क्षमता तो 60 हेलिकॉप्टर प्रति साल से 90 हेलिकॉप्टर प्रति साल तक बढ़ाया जाएगा। फैक्ट्री में हेली-रनवे, फ्लाइट हैंगर, फाइनल असेंबली हैंगर, स्ट्रक्चर असेंबली हैंगर, एयर ट्रैफिक कंट्रोल जैसी सुविधाएं हैं।
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प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने के अलावा तुमकुरु की फैक्ट्री द्वारा सीएसआर (कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी) गतिविधियों के माध्यम से आसपास के क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके तहत बड़े पैमाने पर समुदाय-केंद्रित कार्यक्रम होंगे। इनसे क्षेत्र में लोगों के जीवन में सुधार होगा।