कर्मचारी नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की तर्ज पर एलटीसी पैकेज भी सरकार देने पर विचार करे
लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने केंद्र सरकार की तर्ज पर अपने कर्मचारियों को फेस्टिवल एडवांस देने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री का यह निर्णय स्वागत योग्य है। वित्त विभाग, फेस्टिवल एडवांस पर 1600 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान बता रहा है।
जे एन तिवारी ने बताया कि यह राज्य कर्मचारियों के लिए वित्तीय पैकेज नहीं है ।यह रुपया कर्ज के रूप में कर्मचारियों को दिया जा रहा है। इस अग्रिम की वसूली भी कर्मचारियों से 1000 रुपये के 10 बराबर किस्तों में की जाएगी। फेस्टिवल एडवांस देने का मूल मकसद अर्थव्यवस्था में तेजी लाना है। मकसद साफ है कि इस पैसे को बाजार में खर्च कर मांग बढ़ाया जाने के लिए यह पैसा कर्मचारियों को दिया जा रहा है ।
त्योहारी सीजन में दिये जा रहे इस अग्रिम पर बाजार में खर्च करने पर कुछ प्रतिबंध भी लगाए गए हैं। कर्मचारी अग्रिम की रकम से उसी सामान की खरीदारी कर सकेंगे जिन पर जीएसटी की दर 12 फीसद या इससे अधिक होगी। टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन जैसे कंजूमर गुड्स इस श्रेणी में आते हैं। 31 मार्च से पहले इस अग्रिम की धनराशि के खर्च का हिसाब भी सरकार को देना होगा । सबूत के तौर पर जीएसटी की रसीद भी लगानी होगी।
उत्तर प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों को यदि फेस्टिवल एडवांस देती है तो उसको नगर प्रतिकर भत्ता रिस्टोर करने पर भी विचार करना चाहिए क्योंकि प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार की तर्ज पर ही यह त्योहारी अग्रिम देने वाली है ।केंद्र सरकार में नगर प्रतिकर भत्ता को परिवहन भत्ता में समाहित कर परिवहन भत्ता दिया जा रहा है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने नगर प्रतिकर भत्ता की व्यवस्था रिस्टोर करने अथवा परिवहन भत्ता देने की मांग माननीय मुख्यमंत्री से किया है। जे एन तिवारी ने अवगत कराया है कि केंद्र सरकार 28000 करोड़ रुपए एलटीसी वाउचर, पेमेंट के रूप में निजी क्षेत्रों के कर्मचारियों को कराने की व्यवस्था कर रही है ।प्रदेश सरकार में भी यह व्यवस्था लागू की जानी चाहिए।