उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के नतीजे आ गए हैं और वो सच भी सामने आ गया है जिसका प्रयोग भाजपा ने पसमांदा कार्ड के रूप में इस्तेमाल किया। पसमांदा मुस्लिम समाज को भाजपा ने 395 टिकट देकर जहां अपना ये दाग़ धोया कि भाजपा मुस्लिमो को टिकट नही देती वहीं पसमांदा मुस्लिमों ने भी ये साबित किया कि वो भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत भी सकते है और चुनाव जीता भी सकते है।

जिन वार्डो में कभी भाजपा का बस्ता लगाने वाला नही मिलता था वहाँ से भी इस बार बस्ता लगने के साथ साथ भाजपा के प्रत्याशी को भरपूर वोट मिला।
भाजपा ने जिन 395 मुसलमानो को टिकट दिया उनमे से 5 चेयरमैन, 15 पार्षद व लगभग 47 सभासद ने जीत हासिल करने के साथ ही सभी प्रत्याशीयो ने भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने का काम किया जो भाजपा के लिए लाभदायक साबित हुआ, भाजपा के मेयर व अध्यक्ष प्रत्याशीयो को ऐसी जगह से भी वोट मिले जहाँ भाजपा का खाता तक नही खुलता था, मुस्लिम बाहुल्य पश्चिम उत्तर प्रदेश में भाजपा ने सबसे ज्यादा पसमांदा मुस्लिमों को टिकट दिया था भाजपा के टिकट पर जीत भी पश्चिम क्षेत्र से ज्यादा प्रत्याशीयों की ही हुई है।
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भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पश्चिम उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष जावेद मलिक ने बताया कि इस बार सपा बसपा कांग्रेस की मुसलमानो को डराने धमकाने की रणनीति फेल हो गयी है पसमांदा मुस्लिम समाज अब समझ गया है कि भाजपा ही एक ऎसा दल है जो सबका साथ सबका विकास व सबका प्रयास के नारे को चरितार्थ कर रहा है। इसलिए पसमांदा मुसलमानों का भरोसा भाजपा में बढ़ा है व मोदी योगी सरकार के प्रति मुसलमानो ने भी अपना विश्वास ज़ाहिर किया है।
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