मध्य प्रदेश के भोपाल में हनुमान जयंती के मौके पर खेड़ापति हनुमान मंदिर से लेकर भोपाल की ओल्ड सिटी में जुलूस निकालने की माँग को भोपाल पुलिस ने खारिज कर दिया। सुरक्षा कारणों से पुलिस ने कहा कि ये जुलूस शहर के अन्य इलाकों से निकल सकता है लेकिन भोपाल की ओल्ड सिटी से निकालने की अनुमति नहीं है। प्रशासन का यह फैसला कुछ मौलवियों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद आया जिनका कहना था कि मुस्लिम इलाकों में धार्मिक जुलूस निकालना खतरनाक हो सकता है।
बता दें कि प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के मौके पर जो हिंसा हुई उसे देखते हुए प्रशासन ने हनुमान जयंती के मौके पर जुलूस निकालने की अनुमति 16 शर्तों के साथ दी थी। कथिततौर पर ये जुलूस भोपाल के कुछ संवेदनशील इलाकों से होते हुए निकलने वाला था जिसमें इतवारा, बुधवारा जैसे इलाके आते हैं। ये जुलूस 16 अप्रैल को शाम 4:30 बजे से निकलना शुरू होगा।
प्रशासन की शर्तें
प्रशासन ने इस जुलूस को निकालने से पहले जिन शर्तों को रखा उनमें सबसे पहले कहा गया कि जुलूस के दौरान कोई आपत्तिजनक नारे नहीं लगाए जाएँगे। इसके बाद आपत्तिजनक बैनक पोस्टर लगाने की अनुमति भी किसी को नहीं होगी, डीजे पर जो गाने चलेंगे उनकी लिस्ट प्रशासन को देनी होगी, जुलूस में त्रिशूल-गदा छोड़कर बाकी पर किसी शस्त्र पर पाबंदी होगी, कार्यक्रम में बीड़ी-सिररेट या मादक पदार्थों का प्रयोग नहीं होगा, कार्यक्रम में अगर कोई गड़बड़ होती है तो इसकी जिम्मेदारी आयोजक की होगी।
सुरक्षा इंतजाम
पुलिस ने इस जुलूस की इजाजत देते हुए सुरक्षा व्यवस्था के लिए जो कदम उठाए हैं उनमें पहला ये है कि जुलूस पर ड्रोन से नजर रखी जाएगी। फिर, पूरे जुलूस में 600 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे, जिन 12 इलाकों से ये जुलूस जाएगा वहाँ पुलिस तैनात होगी, जुलूस शांतिपूर्वक तरीके से निकाला जाएगा यातायात प्रभावित नहीं होगा।
मौलवियों की आपत्ति
गौरतलब है कि एक ओर जहाँ हनुमान जयंती के मौके पर सुरक्षा दृष्टि से सभी शर्तों के साथ पुलिस ने इस जुलूस के लिए अनुमति दी वहीं मौलवियों ने एक बार फिर से मुस्लिम बहुल इलाकों से इस जुलूस के निकाले जाने पर अपनी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि ऐसा करना खतरनाक हो सकता है।
इस संबंध में उनके एक प्रतिनिधिमंडल ने काजी सैयद मुश्ताक अली नादवी के नेतृत्व में भोपाल डीजीपी सुधीर सक्सेना और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात की और इस बाबत चिंता व्यक्त की। उनका कहना है कि बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठन मुस्लिम बहुल इलाकों में जुलूस को निकालने वाले हैं जो कि खतरनाक हो सकता है।