बांग्लादेश में अलोकतांत्रिक तरीके से हुए शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से हिंदू समुदाय पर हमले लगातार जारी हैं। इन्ही हमलों की एक नई जानकारी प्राप्त हुई है। दरअसल, बीते गुरुवार को बांग्लादेश के ढाका डिवीजन के किशोरगंज में कुछ इस्लामी कट्टरपंथियों ने गोपीनाथ जीउर अखाड़ा दुर्गा पूजा मंडप में हिंदू देवी-देवताओं की 7 मूर्तियों को नष्ट कर दिया गया।
यह तोड़फोड़ रात के शुरुआती घंटों में की गई जब मंदिर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार गार्ड सो रहे थे। आरोपियों ने दीवार फांदकर मूर्तियों के सिर तोड़ दिए। मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस और स्थानीय अधिकारियों ने नुकसान का आकलन करने के लिए घटनास्थल का दौरा किया।
हिंदू समुदाय के नेताओं के साथ एक आपातकालीन बैठक आयोजित की गई, जिसमें मंदिर में तोड़फोड़ और मूर्ति तोड़ने में शामिल अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की गई।
गुरुवार शाम को हिंदुओं ने विरोध प्रदर्शन किया। वे सड़कों पर उतर आए और न्याय की मांग करते हुए जिला आयुक्त के कार्यालय के बाहर एकत्र हुए। डिप्टी कमिश्नर फौजिया खान और एसपी मोहम्मद हसन चौधरी के आश्वासन के बावजूद अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
गोपीनाथ जीउर अखाड़ा दुर्गा पूजा उत्सव समिति के अध्यक्ष लिटन सरकार ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस अखाड़े में दुर्गा पूजा का आयोजन पहली बार हो रहा है। इस तरह की बर्बरता पहले कभी नहीं हुई। जो लोग सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना चाहते हैं, उन्हें तुरंत पहचाना जाना चाहिए और गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
जिला पूजा उत्सव समिति के अध्यक्ष नारायण दत्त प्रदीप ने भी यही भावना दोहराते हुए कहा कि बर्बरता ने हिंदू समुदाय को दुखी कर दिया है। हर कोई अब डर की स्थिति में है। अगर ऐसी हरकतें जारी रहीं, तो हम अपने धार्मिक त्योहार कैसे मना पाएंगे?
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पुलिस अधीक्षक ने जनता को आश्वासन दिया कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां सक्रियता से बदमाशों की तलाश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हम कड़ा रुख अपना रहे हैं। दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और हमें उम्मीद है कि दुर्गा पूजा सुरक्षित और उत्सवपूर्ण तरीके से मनाई जा सकेगी।