उत्तर प्रदेश के एटा जिले में बीते रविवार को मुस्लिम भीड़ ने एक हिंदू परिवार के खेत पर हमला कर दिया। उन्होंने दावा किया कि यह खेत वक्फ की संपत्ति है। हिंदुओं पर हमला करने वाले हमलावरों ने पत्थरबाजी की और लाठीचार्ज किया। बताया जाता है कि हमलावर दरगाह से जुड़े हुए हैं। घटना के दौरान उपाध्याय परिवार के तीन सदस्य घायल हो गए, जिनका इलाज चल रहा है। पुलिस ने 15 नामजद हमलावरों में से फरमान और रफीक को गिरफ्तार कर लिया है , जबकि बाकी हमलावरों की तलाश जारी है।
दरगाह कमेटी ने खेत को बताया वक्फ की संपत्ति
यह मामला एटा के जलेसर थाना क्षेत्र का है, जहां शनिवार रात सुनील कुमार उपाध्याय ने पुलिस को तहरीर दी। उन्होंने बताया कि वसंत टॉकीज के पास उनकी 24 बीघा जमीन है। इस जमीन से सड़क के पास ही एक दरगाह है। दरगाह से जुड़े लोग सुनील की पुश्तैनी जमीन को लेकर विवाद कर रहे थे। दरगाह कमेटी का दावा है कि यह जमीन वक्फ की है। इसके बाद 6 नवंबर को स्थानीय अधिकारियों ने जमीन की पैमाइश कर मामले को सुलझा लिया।
परिवार ने प्रशासन कि मदद से चिह्नित कराई जमीन
पैमाइश के दौरान वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधि मौजूद थे। किसी और विवाद से बचने के लिए सुनील और उसके परिवार ने रविवार को प्रशासन से अपनी जमीन की सीमा चिन्हित करवा ली। अचानक शाम 4:30 बजे मुस्लिम भीड़ हाथों में पत्थर और लाठियां लेकर मौके पर पहुंची। हमलावरों में से एक ने जब सुनील के परिवार को देखा तो चिल्लाया कि आज इन दरिंदों को मार डालो।
इसके बाद हिंसक भीड़ ने उपाध्याय परिवार पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया और पथराव किया। हमलावरों में से कुछ ने सुनील द्वारा बनाई गई बाउंड्रीवॉल को भी गिरा दिया। दरगाह की तरफ से आए हमलावरों की संख्या करीब 150 बताई जा रही है। बाउंड्रीवॉल को गिराने के साथ ही हमलावरों ने वहां खड़ी गाड़ियों, टेबल और कुर्सियों में भी तोड़फोड़ की। इस घटना से आसपास के इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और आसपास के दुकानदारों ने डर के मारे अपनी दुकानें बंद कर लीं।
भीड़ की हिंसा में तीन लोग घायल
भीड़ की हिंसा में उपाध्याय परिवार के तीन सदस्य मोनू, संजय और सुरेश घायल हो गए, जिनका इलाज चल रहा है। किसी तरह सुनील ने घटना की सूचना पुलिस को दी और कुछ ही देर में पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस की गाड़ियों को आता देख हमलावर मौके से भाग गए। जाते समय वे सुनील और उसके परिवार के सदस्यों को जान से मारने की धमकी भी दे गए। पीड़ित ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
सुनील उपाध्याय ने अपनी शिकायत में रफीक, अरमान, बबलू, वसीम, फरमान, नासिर, शाकिर, दानिश, नदीम, नासिर, अरशद, शकील, इरफान, महफूज, यामीन और मुजम्मिल को नामजद किया है। इन सभी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 191 (2), 191 (3), 190, 109, 115 (2), 352, 351 (3), 125 और 324 (4) के साथ-साथ आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम, 1932 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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इस हिंसा का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस की टीमें बनाकर छापेमारी की जा रही है। सोमवार (25 नवंबर) को पुलिस ने फरमान और रफीक को गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच, घटनास्थल पर पुलिस की एक टीम तैनात की गई है और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।