भारतीय जनता पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अल्पसंख्यकों को लेकर दिए गए बयान का मुस्लिम धर्म गुरुओं ने तहे दिल से स्वागत किया है। शिया धर्म गुरु कल्बे जव्वाद ने खुले दिल से स्वागत करते हुए कहा कि ये बहुत ही खूबसूरत बयान है।
शिया धर्म गुरु कल्बे जव्वाद ने कहा, ‘पीएम मोदी (PM Modi) ने खुले दिल वाले नेता की हैसियत से ये बयान दिया है, ऐसा बयान तो आज तक किसी भी नेता ने नहीं दिया कि वोट मिले या न मिले, लेकिन हम उनके लिए भी काम करेंगे। ये बहुत ही अच्छा बयान है, लेकिन बीजेपी के कुछ छुटभैये नेता काम खराब करते हैं और विपक्ष को इस पर बहाना मिल जाता है। हमारी पीएम से अपील है की जो लोग हेट स्पीच देते हैं उस पर सख्ती से रोक लगाएं और मेरी तमाम शिया और सुन्नी भाइयों से अपील है कि मोदी जी के बयान का खुले दिल से स्वागत करें।’
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने किया स्वागत
वहीं सुन्नी धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अल्पसंख्यकों पर दिए गए बयान का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पार्टी के तमाम नेताओं को हिदायत दी है कि हमें समाज के हर तबके को साथ लेकर आगे बढ़ना है। ये बहुत बड़ा बयान है हम सभी लोग इस बयान का स्वागत करते हैं। उनकी पार्टी के नेता इसे गंभीरता से लेंगे इससे जो नेता कम्युनिटी के खिलाफ बयानबाजी करते हैं उसपर भी रोक लगेगी।’
सपा सांसद ST Hassan ने किया PM के बयान का स्वागत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अपने पार्टी के नेताओं को अल्पसंख्यक और मुस्लिम समाज से जुड़ने और उनके खिलाफ बयानबाजी से बचने के लिए दिए निर्देशों का सपा सांसद डॉ एस टी हसन ने स्वागत किया है, ‘प्रधानमंत्री द्वारा अपने नेताओं को अल्पसंख्यक समाज के लोगो के बीच जाने के निर्देश पर उनका कहना है अच्छी बात है, लेकिन चुनाव करीब आ रहे हैं इस दौरान ये नई बात है। वहीं भाजपा नेताओं के मुस्लिमों पर गलत बयानबाजी से बचने के निर्देश पर भी सपा सांसद ने स्वागत किया है।
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अल्पसंख्यकों को लेकर PM ने दिया था ये बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के आखिरी दिन बीजेपी के उन नेताओं को नसीहत दी जो कि मुस्लिम समाज के बारे में आए दिन बयानबाजी किया करते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हम उन लोगों के लिए भी काम करेंगे चाहे वो हमें वोट दें या न दें। साथ ही उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी ये निर्देश दिये थे कि पार्टी कार्यकर्ता देश के अल्पसंख्यक समाज से वोट की अपेक्षा किए बिना ही मिलें और उनकी समस्याओं को सुनें चाहे वो मुस्लिम समुदाय से ही क्यों न हों। पीएम ने पार्टी नेताओं से वोहरा मुसलमानों, पसमांदा मुसलमानों, शिक्षित मुसलमानों के अलावा मुस्लिम पेशेवरों से वोट की उम्मीद किए बिना ही मिलने का आह्वान किया।