नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर पिछले साल जमकर हिंसक घटनाएं देखने को मिली थी। हालांकि, अब मोदी सरकार ने इस दिशा में एक बड़ा कदम और बढ़ा दिया है। दरअसल, गृह मंत्रालय ने बीते शुक्रवार को एक नया गैजेट नोटिफिकेशन जारी किया है। इस गैजेट नोटिफिकेशन की मदद से उन गैर मुस्लिम शरणार्थियों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन मंगाए हैं, जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हैं।
नोटिफिकेशन में मोदी सरकार ने दी जानकारी
इस गैजेट नोटिफिकेशन में गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा और पंजाब के 13 जिलों में रह रहे हिंदू, सिख, जैन और बौद्धों जैसे गैर मुस्लिमों से नागरिकता के लिए आवेदन मांगे गए हैं।
दरअसल, CAA की मदद से मोदी सरकार ने गैर मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान तैयार किया है। यह क़ानून भले ही संसद के दोनों सदनों से पास हो चुका है लेकिन अभी नए CAA कानून में नियम पूरी तरह से बने नहीं है। ऐसे में पुराने नियमों के तहत ही यह नोटीफिकेशन जारी किया गया है। गृह मंत्रालय ने नागरिकता कानून 1955 और 2009 में कानून के अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत आदेश के तत्काल कार्यान्वयन के लिए ये अधिसूचना जारी की है।
गृह मंत्रालय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिहाज से वो लोग योग्य हैं जो गुजरात के मोरबी, राजकोट, पाटन और वडोदरा में रह रहे हैं। इसके अलावा जो शरणार्थी छत्तीसगढ़ में दुर्ग और बलौदाबाजार में रह रहे हैं। राजस्थान में जालौर, उदयपुर, पाली, बाड़मेर और सिरोही में रह रहे लोग भी इसके पात्र हैं। साथ ही हरियाणा के फरीदाबाद और पंजाब के जालंधर में रह रहे ऐसे लोग आवदेन के योग्य हैं।
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गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि CAA कानून 1955 की धारा 16 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने कानून की धारा(5) के तहत यह कदम उठाया है। इसके अंतर्गत उपरोक्त राज्यों और जिलों में रह रहे अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिक के तौर पर पंजीकृत करने के लिए आवेदन मांगे गए हैं।