वाराणसी। छावनी परिषद में चुनाव कराने की मांग को लेकर सोमवार को परिषद के सदस्यों ने धरना दिया। धरना प्रदर्शन के बाद सदस्यों ने छावनी अध्यक्ष ब्रिगेडियर हुकुम सिंह बैंसला को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। सदस्यों ने चेताया कि अगर 15 दिन में छावनी बोर्ड के निर्वाचन संबंध में दिशा निर्देश जारी नहीं हुआ तो सभी सदस्य अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे।
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धरनारत परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष,सदस्य शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि विगत दिनों में कई बार पत्रक देकर छावनी बोर्ड का चुनाव कराने की मांग की गई। वहीं, रक्षा सम्पदा महानिदेशक को भी पत्रक भेजकर उनके समक्ष यह मांग रखी गई। लेकिन जनमत पर आधारित हमारी मांगें सभी स्तरों से ठुकरा दी जा रही हैं। छावनी बोर्डों के चुनाव टाल दिये गये।
सदस्यों ने कहा कि भारत के संविधान द्वारा स्थापित एक लोकतांत्रिक समाज एवं शासन व्यवस्था के हम नागरिक हैं और छावनी क्षेत्र में स्थानीय स्वशासन का काम विधि द्वारा स्थापित लोकतांत्रिक प्रक्रिया से संचालित होना एक संवैधानिक उत्तरदायित्व है। चुनाव टालने का फैसला बिना समुचित कारण के लोकतंत्र की हत्या का एक तानाशाही फैसला है।
उन्होंने कहा कि कोविड के गंभीर दौर में लगातार राज्यों के विधानसभा चुनाव होते रहे हैं। उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने 04 फरवरी को उत्तर प्रदेश में पंचायती चुनाव कराने का समय निर्धारित करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को रोका नहीं जा सकता है।
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