जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती को तिरंगा के खिलाफ बयानबाजी करना काफी महंगा पड़ रहा है। इस बयानबाजी की वजह से चौतरफा घिरती नजर आ रही हैं। तिरंगे के खिलाफ टिप्पणी करने की वजह से महबूबा को अभी तक बीजेपी के विरोध का सामना तो करना ही पड़ रहा है। अब उनके करीबियों ने उनका साथ छोड़ना भी शुरू कर दिया है। दरअसल, उनके बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए पीडीपी के तीन नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी खुद को इस बयान से अलग कर लिया है।
महबूबा मुफ़्ती के बयान से उन्ही की पार्टी के नेता खफा
मिली जानकारी के अनुसार, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती द्वारा तिरंगे को लेकर की गई टिप्पणी ने उनकी पार्टी के नेता ही नाराज है। जम्मू क्षेत्र के नेता वेद महाजन, टीएस बाजवा और हुसैन अली वफा ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए पीडीपी से इस्तीफा दे दिया है।
वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी महबूबा के बयान की कड़ी निंदा की है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के सीनियर नेता देवेंद्र सिंह राणा ने कहा कि पार्टी नेताओं के लिए राष्ट्र की एकता और संप्रभुता सर्वोपरि है। हम राष्ट्र की संप्रभुता और एकता से समझौता नहीं करेंगे।
जम्मू क्षेत्र के नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता देवेंद्र राणा ने फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के साथ बैठक में महबूबा के बयान पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने उन्हें आश्वस्त किया है कि गुपकार का कोई नेता ऐसा कोई बयान नहीं देगा जिससे राष्ट्र का हित प्रभावित हो।
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आपको बता दें कि अभी हाल ही में नजरबन्द से रिहा हुई महबूबा मुफ्ती लगातार मोदी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही है और जम्मू-कश्मीर से हटाई गई धारा 370 के बहाली की मांग कर रही हैं। इसी क्रम में बीते दिनों उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को लेकर बयानबाजी की थी।
महबूबा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर धारा 370 को लेकर मोदी सरकार को जमकर घेरा था। इसी दौरान उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज को लेकर भी विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रीय ध्वज को तभी उठाएंगे, जब हमारे राज्य के ध्वज को वापस लाया जाएगा। राष्ट्रीय ध्वज केवल इस (जम्मू -कश्मीर) ध्वज और संविधान वजह से है। हम इसी ध्वज के कारण देश के बाकी हिस्सों से जुड़े हुए हैं।