भाजपा ने आज बिहार विधानसभा में मार्च करने की घोषणा की है और पुलिस ने इसे रोकने के लिए जबरदस्ती की है। यह मुद्दा नीतीश सरकार के खिलाफ है और इसके दौरान पुलिस ने लाठियों और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया है। भाजपा नेता और सांसदों को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा है। मुद्दा नीतीश सरकार के खिलाफ है। भाजपा नेता इसके विरोध में बोले हैं कि यह अन्याय है और सरकार आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है। वे भी इसे लोकतंत्र की हत्या के रूप में देख रहे हैं। भाजपा नेता और सांसदों को घायल होने का भी सामना करना पड़ा है।
भाजपा नेता राकेश सिन्हा ने कहा है कि बिहार में भी भाजपा की सरकार बननी चाहिए क्योंकि जनता इसे चाहती है। सांसद रामकृपाल यादव ने बताया है कि नीतीश सरकार भाजपा के आंदोलन से घबरा गई है और उसका तानाशाही रवैया दिखा रही है। इसके साथ ही, भाजपा ने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने और 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने के वादे के मुद्दे पर भी सवाल किया है।
इसके अलावा, भाजपा ने विधानसभा मार्च को लेकर पटना शहर के कई हिस्सों में बैनर और पोस्टर लगाए हैं। इन पोस्टरों में भाजपा ने नीतीश सरकार पर हमला बोला है और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। यह विषय नियोजित शिक्षकों और रोजगार के मुद्दों को लेकर है जिन पर भाजपा कह रही है कि सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है।
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