पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार गैरकानूनी तरीके से पूरे देश में अपनी विचारधारा थोपने की कोशिश कर रही है।

ममता ने पत्र में सरकार पर लगाए आरोप
सीएम ममता बनर्जी ने गुरुवार को पत्र लिख कर ‘एक देश, एक विचार’ लागू करने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने ऑनलाइन, वर्चुअल इंटरनेशनल कांफ्रेंस, सेमिनार, ट्रेनिंग आदि को लेकर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। राज्य सरकार और राज्य सरकार सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों पर इस बाबत कई प्रतिबंध लगाए गए हैं।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में सीएम ममता ने कहा कि विश्वविद्यालयों को अधिकतम स्तर पर शैक्षणिक गतिविधियों के आयोजन की आजादी व स्वतंत्रता मिलनी चाहिए, लेकिन जिस तरह से प्रतिबंध लगाए गए हैं, उससे यह पता चलता है कि केंद्र सरकार शैक्षणिक गतिविधियों को केंद्रिकृत करना चाह रही हैं। क्या यह ‘एक देश और एक विचार’ लागू करने की तो कोशिश नहीं है? अपनी चिट्ठी में ममता ने शिक्षा मंत्रालय का निर्देश वापस लेने का अनुरोध किया है।
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ममता बनर्जी ने कहा कि डिजिटल प्लेटफार्म सूदूर रहने वाले शिक्षकों और छात्रों के लिए वरदान शामिल हुआ है। इससे वे विद्वानों से संपर्क कर पा रहे हैं और उनसे लाभ उठा रहे हैं। इस तरह का निर्देश जारी करना भारत की संघीय व्यवस्था के खिलाफ है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वह इस बाबत शिक्षा मंत्रालय को निर्देश जारी करें, ताकि वर्चुअल कॉन्फ्रेंस संबंधित सारे प्रतिबंध हटाए जाएं।
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