जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने एक बाद फिर सूबे से हटाई गई आर्टिकल 370 को लेकर आवाज बुलंद की है। दरअसल, मंगलवार को महबूबा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर कहा कि कश्मीरी युवाओं का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए हम किसी भी हद तक जायेंगे। पहले जो कानून देश में बनते थे, वे आम जनता और उनक हित सोचकर बनाये जाते थे। उन कानूनों के साथ जनता सहज थी, लेकिन अब जो कानून बन रहे हैं, वे जनता पर थोपे जा रहे हैं। आर्टिकल 370 को हटाकर कश्मीरियों के अस्तित्व पर सवाल किया गया है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।

आर्टिकल 370 को लेकर पहले भी दिया था विवादित बयान
आपको बता दें कि बीते दिनों महबूबा मुफ्ती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर धारा 370 को लेकर मोदी सरकार को जमकर घेरा था। इसी दौरान उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज को लेकर भी विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि हम राष्ट्रीय ध्वज को तभी उठाएंगे, जब हमारे राज्य के ध्वज को वापस लाया जाएगा। राष्ट्रीय ध्वज केवल इस (जम्मू -कश्मीर) ध्वज और संविधान वजह से है। हम इसी ध्वज के कारण देश के बाकी हिस्सों से जुड़े हुए हैं।
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आर्टिकल 370 को हटाने से पहले सरकार ने महबूबा मुफ्ता को हिरासत में लिया था। वह एक साल से ज्यादा समय तक नजरबंद रहीं थीं। हाल ही में 13 अक्टूबर को उन्हें रिहा किया गया है। रिहाई के बाद महबूबा मुफ्ती ने आर्टिकल 370 को पुन: बहाल करवाने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया है। महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर के प्रमुख दलों को साथ समझौता किया है जिसे गुपकार समझौते के नाम दिया गया है। इस समझौते के तहत छह दल आये हैं, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस भी शामिल है।
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