250 व्यापारियों के लाइसेन्स निरस्त, 109 पर दर्ज हुआ मुकदमा

लखनऊ। लॉक डाउन का उल्लंघन करने वाले 250 व्यापारियों के लाइसेन्स निरस्त किये गये तथा 109 व्यापारियों पर एफआईआर दर्ज करायी गयी। उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद् के निदेशक जेपी सिंह ने बताया कि लाकडाउन के दौरान प्रदेश में फल-सब्जी एवं खाद्य आपूर्ति व्यवस्था को नियमित बनाया गया। खाद्य आपूर्ति व्यवस्था के सुचारू रहने से आम जनता को काफी राहत मिली। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 220 मण्डी समितियां, 96 उप-मण्डी स्थलों, रिन, एएमएच हाटपैठ तथा अन्य व्यवस्थाओं के माध्यम से खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को नियमित रखा गया। इसके साथ ही रिहायशी इलाकों में डोर-स्टेप डिलीवरी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गयी।

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श्री सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेशानुसार मण्डी परिषद द्वारा फल-सब्जी एवं खाद्य आपूर्ति व्यवस्था को पूरी तरह से सुदृढ़ किया गया। जिसके फलस्वरूप कोविड-19 के लाकडाउन की अवधि में किसानों को कोई भी कठिनाई नहीं होने दी गयी। मण्डी परिषदों में नियमित रूप से बड़ी संख्या में किसानों एवं व्यापारियों ने अपने उत्पादों को लाकर बिक्री की, वहीं दूसरी ओर आम-जनमानस ने भी इसका लाभ उठाया। निदेशक मण्डी ने बताया कि मण्डी समितियों एवं स्थलों में किसानों और व्यापारियों को कोरोना संक्रमण के बचाव के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया। स्थलों पर मास्क और सेनेटाइजर तथा सोशल डिस्टेंसिंग की प्रभावी व्यवस्था की गयी।

109 पर दर्ज हुआ मुकदमा


श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश की मण्डी समितियों में सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजेशन, प्रोटोकाल तथा लाकडाउन का उल्लंघन करने पर 808 व्यापारी फर्मों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। 250 व्यापारियों के लाइसेन्स निरस्त किये गये तथा 109 व्यापारियों पर एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी। उन्होंने बताया कि लाकडाउन का उल्लंघन करने वाले व्यापारियों से 50 लाख रूपये का जुर्माना वसूला गया। निदेशक मण्डी परिषद् ने बताया कि कोरोना काल में मण्डी समितियों में निरन्तर कृषि व्यापारिक गतिविधियों के संचालन के फलस्वरूप ही मण्डी समितियों में प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से पल्लेदार, कामगारों/श्रमिकों को रोजगार के अवसर सुलभ हुए। उन्होंने बताया कि उपभोक्ताओं के लिए उचित मूल्य पर फल-सब्जी बराबर उपलब्ध रही। किसानों को चुनौतीपूर्ण काल में भी उनकी उपज के लिए उचित दाम मिला।