कर्नाटक के रामनगर जिले में रविवार (24 अक्टूबर) को लिंगायत संत बसवलिंगा स्वामी का शव बरामद हुआ है। मठ के एक कमरे में कंचुगल बंदे मठ के एक संत बसवलिंगा स्वामी का शव बरामद हुआ। पुलिस ने जानकारी दी कि प्रथम दृष्ट्या मालूम पड़ता है कि 44 वर्षीय संत की अप्राकृतिक मौत हुई थी। कुदुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस ने बताया कि मठ के कमरे में दो पन्नों का एक डेथ नोट भी मिला था। कर्नाटक के रामनगर जिले के कुदुर पुलिस स्टेशन में लिंगायत कंचुगल बंदे मठ के प्रधान पुजारी की आत्महत्या के संदिग्ध मामले में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया है। 44 वर्षीय बसवलिंगा स्वामी ने सोमवार को अपना कमरा नहीं खोला। मठ के लोगों के साथ ही उनके अनुयायियों ने भी दरवाजा खटखटाने के साथ ही उन्हें फोन कॉल्स भी किए लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
कमरे में मिला दो पेज का सुसाइड नोट: बसवलिंगा स्वामी द्वारा लिखा गया दो पेज का सुसाइड नोट कमरे में मिला। अनुयायियों ने इसकी जानकारी तत्काल पुलिस को दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने बसवराज स्वामी के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया। पुलिस के मुताबिक उनका शव फांसी के फंदे से झूलता हुआ मिला। बंदे मठ द्वारा संचालित एक स्कूल के शिक्षक रमेश एल ने लिंगायत संत की मौत के संबंध में अपने बयान में पुलिस को बताया कि संत को कुछ लोगों द्वारा मानहानि की धमकी देकर परेशान किया जा रहा था।
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25 साल से अधिक समय से थे मठ में पुजारी: अध्यापक रमेश ने पुलिस को बताया, “रविवार शाम 5 बजे घर जाने से पहले उन्होंने बसवलिंगा से मुलाकात की थी। इसके बाद सोमवार सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर उनके पास कॉल आया कि बसवलिंगा न तो अपने कमरे का दरवाजा खोल रहे हैं और न ही फोन उठा रहे हैं।” इसके बाद रमेश उनके कमरे के पिछले हिस्से की तरफ गए तो देखा कि संत का शरीर ग्रिल से लटका हुआ था। बसवलिंगा स्वामी 25 साल से अधिक समय से इस मठ में पुजारी थे। करीब एक महीने पहले ही कर्नाटक के बेलगावी जिले के बैलाहोंगला तालुक के नेगीनाहला गांव स्थित श्रीगुरु मदीवालेश्वर मठ के पुजारी बसवासिद्दालिंगा स्वामी मृत पाए गए थे।
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