कर्नाटक में राज्य सरकार ने अधिकारियों को भव्य हनुमान मंदिर बनाने का आदेश दिया है। यह मंदिर अंजेयनाद्रि पर्वत पर बनाया जाएगा, जिसके बारे में माना जाता है कि यहां हनुमान का जन्म हुआ था। बताया जा रहा है कि यह मंदिर अयोध्या में बनाए जा रहे राममंदिर की तर्ज पर बनाया जाएगा। गौरतलब है कि कर्नाटक में 2023 में मई से पहले विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में भाजपा इस मंदिर का लाभ चुनाव में लेने चाहेगी।
कर्नाटक-आंध्र प्रदेश में है रार
बता दें कि यह घोषणा ऐसे वक्त हुई है जब कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के बीच अपने यहां हनुमान के असली जन्मस्थान होने को लेकर रार ठनी हुई है। एक तरफ कर्नाटक का दावा है कि हनुमान का जन्म प्रदेश के उत्तरी हिस्से में हंपी के पास किष्किंधा में आंजेयानांद्रि पहाड़ी पर हुआ था। असल में कर्नाटक की भाजपा सरकार अयोध्या के राम मंदिर को यहां हनुमान मंदिर से टूरिज्म कॉरिडोर के जरिए जोड़ना चाहती है। इसके लिए इस हनुमान मंदिर को और भव्य बनाने की योजना है। यह मंदिर तुंगभंद्रा नदी के किनारे है और वर्ल्ड हेरिटेज हंपी से महज 20 किमी की दूरी पर है। मान्यता है कि हंपी ही रामायण का किष्किंधा है, जहां वानरों का साम्राज्य था।
लेनी होगी किसानों की जमीन
इस प्रोजेक्ट के तहत सड़कों को व्यवस्थित करना और इस मंदिर तक अल्टरनेटिव रास्ता तैयार करने की बात भी शामिल है। शनिवार को इस बारे में जारी आदेश के मुताबिक प्रोजेक्ट के लिए 60 एकड़ जमीन की जरूरत होगी। इसमें किसानों की 58 एकड़ निजी जमीन भी शामिल है। आदेश में इस जमीन को कर्नाटक इंडस्ट्रियल एरियाज डेवलपमेंट बोर्ड के जरिए किसानों की सहमति से लेने की बात भी कही गई है। मुख्यमंत्री बोम्मई खुद इस प्रोजेक्ट में निजी तौर पर रुचि ले रहे हैं और कई बार मीटिंग कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 जुलाई के बाद वह एक अन्य रिव्यू मीटिंग के लिए इस जगह का दौरा करेंगे।
आंध्र प्रदेश का क्या है दावा
दिसंबर 2020 में आंध्र प्रदेश में विभिन्न मंदिरों की देखरेख करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने एक एक्सपर्ट पैनल बनाया था। इसमें वैदिक विद्वानों, आर्कियोलॉजिस्ट्स और एक इसरो वैज्ञानिक भी शामिल थे। रिपोर्ट में कहा हनुमान स्थान के बारे में दावा किया गया था। बाद में अप्रैल 2021 में कमेटी ने दावा किया था कि आंध्र प्रदेश के अंजनाद्रि पर्वत पर हनुमान का जन्म हुआ था। इसके पीछे मान्यताओं के साथ एस्ट्रोलॉजिकल और साइंटिफिक एविडेंस भी दिए गए थे।
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क्या है कर्नाटक का कहना
वहीं कर्नाटक के विभिन्न मंत्रियों का कहना है कि हंपी के नजदीक अंजेयनाद्रि पर्वत का रामायण में वर्णन मिलता है। इसके मुताबिक इसी जगह पर रामायण में राम और लक्ष्मण की मुलाकात हनुमान से हुई थी। यहां पर हनुमान के साथ-साथ राम, सीता और अंजना देवी की भी मूर्ति है।