जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा आज भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंच रहे हैं. सोमवार को उनके आगमन से पहले सूत्रों ने बताया कि उनकी भारत यात्रा दोनों देशों को इस बात पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगी कि कैसे जी20 (G20) और जी7 (G7) समूह खाद्य -स्वास्थ्य सुरक्षा, ऊर्जा स्रोतों में बदलाव और आर्थिक सुरक्षा जैसे अन्य कई महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों के संदर्भ में मिलकर काम कर सकते हैं. भारत और जापान वर्तमान में क्रमशः जी20 और जी7 की अध्यक्षता कर रहे हैं. माना जा रहा है कि किशिदा अपने इस दौरे से महीने की शुरुआत में भारत में होने वाली जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में अपने विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी की अनुपस्थिति की भरपाई कर रहे हैं.
रूस-यूक्रेन मसले पर भी चर्चा
यूक्रेन का मुद्दा किशिदा के अपने समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के एजेंडे में फिर से प्रमुखता से शामिल होगा. इसके अलावा सुरक्षा और रक्षा सहयोग बढ़ाने और मुक्त, खुले और समावेशी इंडो-पैसिफिक की दिशा में काम करने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा. किशिदा ने शनिवार को एक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ की मेजबानी की, जिसमें दोनों नेताओं ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) के गिरफ्तारी वारंट का स्वागत किया. हालांकि भारत और अमेरिका दोनों कोर्ट के सदस्य नहीं हैं और आईसीसी वारंट के जी20 और शंघाई सहयोग शिखर सम्मेलन में पुतिन की भागीदारी की संभावना नहीं है. जी20 सम्मेलन की की मेजबानी भारत इस साल के अंत में करेगा.
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हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर रहेगा ध्यान
एक सूत्र ने कहा, ‘रक्षा और सुरक्षा सहयोग हमारी विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक के रूप में उभरा है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण कारक है.’ उम्मीद है कि किशिदा जापान की मुक्त और खुली भारत-प्रशांत नीति को और विस्तार देने पर बात करेंगे. अधिकारी के मुताबिक दोनों देशों के बीच जापान में जनवरी 2023 में पहले फाइटर जेट अभ्यास ‘वीर गार्जियन’ का सफल आयोजन एक मील का पत्थर था.