आतंक पर जम्मू-कश्मीर पुलिस की बड़ी चोट, आतंकवादियों के सहयोगियों को पनाह देने वालों की संपत्तियां कुर्क होनी शुरू

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकवादियों या उनके सहयोगियों को पनाह देने वाले लोगों की संपत्तियों को कुर्क करना शुरू कर दिया है. यह नया कदम विशेष रूप से श्रीनगर शहर और उसके आसपास आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में तेजी के मद्देनजर आया है.

श्रीनगर पुलिस ने ट्वीट कर दी जानकारी

श्रीनगर पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा है, ”कुछ अचल संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिनका उपयोग यूएलपी अधिनियम की धारा 2 (जी) और 25 के अनुसार उग्रवाद के उद्देश्य से किया गया है. उग्रवादियों/सहयोगियों को आश्रय या पनाह न दें. कानूनी कार्रवाई संपत्ति कुर्की द्वारा पूरक होगी.“ इसमें कहा गया, “आतंकवादियों और आतंकवादियों को आश्रय या पनाह न दें. कानूनी कार्रवाई के साथ संपत्ति कुर्क भी किया जाएगा.”

एक दर्जन से अधिक घरों की पहचान की गई

श्रीनगर के एसएसपी राकेश बलवाल ने कहा कि जिन घरों में मुठभेड़ हुई और जिन घरों में आतंकवादियों ने शरण ली थी और सुरक्षाबलों और नागरिकों पर हमले की योजना बनाई थी, उन्हें कुर्क किया जाएगा. उन्होंने कहा, “अब तक, 2020-2021 के दौरान, डाउनटाउन, सौरा, पंथा चौक, बटमालू, नौगाम, हरवन आदि में एक दर्जन से अधिक घरों की पहचान की गई है.” ऐसी संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया घाटी के श्रीनगर जिले से शुरू की जा रही है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संपत्ति की कुर्की के बाद 19 यूएपीए लगाए जाएंगे. धारा 19- पनाह देने आदि के लिए दंड- जो कोई भी स्वेच्छा से किसी व्यक्ति को यह जानते हुए कि वह आतंकवादी है, शरण देने या छिपाने का प्रयास करता है या छुपाने का प्रयास करता है, कारावास से दंडनीय होगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष से कम नहीं होगी, लेकिन जो हो सकती है आजीवन कारावास तक, और जुर्माने के लिए भी उत्तरदायी होगा.

कई बाइक, कारें भी जब्त

श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राकेश बलवाल ने कहा कि किसी भी व्यक्ति की संपत्ति, जहां ग्रेनेड रखा गया था या जहां से बरामद किया गया था, उसे भी कुर्क किया जाएगा. पुलिस ने कहा कि ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई के अलावा कानून के तहत संपत्तियों को कुर्क किया जाएगा. उन्होंने कहा, “जबकि विभिन्न आतंकवादी संगठनों से जुड़े कई आतंकवादी निरंतर आतंकवाद विरोधी अभियानों में निष्प्रभावी हो रहे हैं, आकाओं मोटर वाहनों, आवासीय घरों और आतंकवादियों की आय का उपयोग अपने बुरे मंसूबों को आगे बढ़ाने के लिए कर रहे हैं.” कई बाइक, कारें पहले ही जब्त की जा चुकी हैं.

पिछले साल फरवरी में, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत कुल 61 वाहनों, 5 घरों, 6 दुकानों के अलावा जमीन और नकदी को जब्त या जब्त किया गया था. संपत्ति में अलगाववादी नेताओं और उनके सहयोगियों की संपत्ति शामिल है और इन में से 46 मामलों में आतंकी गतिविधियों को प्रतिबंधित करने की अनुमति दी गई.

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जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लोगों से उग्रवादियों को पनाह न देने और अपने बच्चों पर कड़ी निगरानी रखने का आग्रह किया है. जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने अनुसार घाटी में लगातार आतंक विरोधी ऑपरेशन के चलते सक्रिय आतंकियों की संख्या में काफी कमी आयी है लेकिन अभी भी आतंकियों का नेटवर्क मौजूद है जिस को नष्ट किये बिना पूरी सफलता नहीं मिल सकती. उन्होंने कहा, ‘हम बार-बार लोगों से आतंकवादियों को पनाह देने से बचने का आग्रह कर रहे हैं. हम उनसे आतंकवादियों और उनके सहयोगियों का साथ देने और अपने घरो में रहने की अनुमति नहीं देने का आग्रह करते हैं.