ब्रिटेन में बड़ी संख्या में भारतीय हिंदू संगठनों और मंदिरों ने प्रधानमंत्री लिज ट्रस को पत्र लिखा है जिसमें अपने डर का जिक्र किया है। इन संगठनों की कुल संख्या 180 बताई गई है। इस पत्र में उन्होंने लिटस्टर हिंसा की जांच की मांग की है। इसके साथ ही उनकी रक्षा करने का अनुरोध भी किया है। इन हिन्दू संगठनों ने बताया कि उन्हें टारगेट किया जा रहा है। लिसेस्टर और बर्मिंघम में हिंसा के बाद से ही ब्रिटेन में ये खतरा महसूस हो रहा है। पत्र लिखने वालों ने प्रधानमंत्री ट्रस से छह अपील की हैं।

ब्रिटिश पीएम को लिखे पत्र में अपील की गई कि हम आपका ध्यान बर्मिंघम, लेस्टर सहित पिछले दिनों हुई हिंसा की तरफ आकर्षित करना चाहते हैं। इन जगहों में हिंसा में भारतीय और हिंदू समुदायों को काफी परेशान किया जा रहा है। इन हिंसा वाले इलाकों में हिंदू समुदायों के प्रति नफरत चरम पर है। हिंदुओं पर शारिरीक हमले, सोशल मीडिया पर उत्पीड़न, स्कूलों और वर्कप्लेस में सॉफ्ट टारगेटिंग के जरिए खुली हिंसा, धमकी और दुर्व्यवहार किया गया है। लिज ट्रस को लिखे पत्र में कहा गया कि हिंदू समुदाय ने करीब आधी सदी से ब्रिटेन को अपना घर बना रखा है। हम आबादी में दो फीसदी से भी कम हैं। फिर भी हमारा योगदान अहम है। साथ ही भारतीय यहां पर कानूनों का पालन भी पूरी तरह से करते हैं। इसके बावजूद हम यहां पर पूरी तरह से असुरक्षित और डरा हुआ महसूस करते हैं।
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पत्र में कहा गया है कि आपको लीसेस्टर में हुई हिंसा और बर्मिंघम में एक मंदिर के बाहर आक्रामक विरोध के साथ-साथ नॉटिंघम में हिंदू समुदाय को परेशान करने और वेम्बली में लंदन के प्रतिष्ठित सनातन मंदिर के बाहर के शातिर प्रयासों के बारे में पता होना चाहिए। हालांकि लीसेस्टर में जो हुआ उसकी वजह कई और जटिल हैं, लेकिन ये हिंसा और धमकी के माध्यम से एक हाशिए पर मौजूद हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया है।
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