बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे अवैध वसूली के आरोपों की जांच में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सहयोग न मिलने पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट के आदेश पर ही मामले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई ने राज्य सरकार पर जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए यह याचिका दायर की है।
हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा लिखित स्पष्टीकरण
सीबीआई की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एन. जमादार की बेंच ने मामले में राज्य सरकार को लिखित स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है। इसके साथ ही मामले की सुनवाई 11 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी है।
अनिल देशमुख पर लगे 100 करोड़ रुपये की अवैध वसूली के आरोपों की जांच कर रही सीबीआई ने राज्य सरकार की ओर से सहयोग नहीं मिलने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। सीबीआई की ओर से अतिरिक्त सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि मामले में राज्य सरकार की ओर से आवश्यक काजगात उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है।
इतना ही नहीं सहायक पुलिस निरीक्षक के पद पर कार्यरत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सीबीआई अधिकारियों को देख लेने तक की धमकी दी है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि मामले की जांच उसके आदेश पर ही सीबीआई कर रही है, इसलिए सीबीआई को इस मामले में गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव को भी प्रतिवादी बनाना चाहिए।
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राज्य सरकार के वकील ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला लंबित है। हाई कोर्ट ने कहा कि जो वह कह रहे हैं, वह लिखित रूप में दें। इसके बाद हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई 11 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।