प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज जम्मू कश्मीर में दौरे पर रहेंगे, इस दौरान पीएम पाकिस्तान से सटे सांबा में एक सभा को संबोधित करेंगे। इस सभा के कुछ घंटे पहले ही सांबा के नजदीकी इलाके पल्ली गांव में विस्फोटक मिला है। हालांकि पीएम मोदी के कार्यक्रम में कोई पेरबदल नहीं किया गया है। ये पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी जम्मू कश्मीर में इस तरह बेखौफ होकर पहुंच रहे हैं। दिवाली के मौके पर वो जवानों केसाथ खुशियां बांटने पहुंचे थे। वहीं इस खबर में हम आपको बता रहे वो घटना जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, कश्मीर में आतंकियों का बोलबाला था, बावजूद इसके मोदी ने बकायदा ऐलान करने के बाद श्रीनगर के लालचौक पर तिंरगा फहरा दिया था।
घाटी में चरम पर था आंतक
श्रीनगर के लालचौक पर साल 1992 में बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के साथ मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी ने आतंक को चुनौती देते हुए तिरंगा फहराया था । ये वही समय था जब घाटी में दिन दहाड़े आतंकी किसी का भी अपहरण कर लेते थे। किसी को भी मौत के घाट उतार देते थे। आतंकवाद के उसी दौर में श्रीनगर के लाल चौक पर मोदी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ 56 इंच का सीना दिखाते हुए तिंरगा फहरा दिया था।
26 जनवरी 1992 को दिखाया था दम
साल 1992 में श्रीनगर के लालचौक पर पहली बार अलगाववादियों, आतंकियों और स्थानीय नेताओं को चुनौती देते हुए नरेंद्र मोदी ने वो करके दिखाया था जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। दरअसल बीजेपी ने कन्याकुमारी से एकता यात्रा शुरु की थी, इसके बाद 26 जनवरी 1992 को लालचौक में तिरंगा फहराने का ऐलान करने के बाद आतंकियों को खुली चुनौती देते हुए तिरंगा वंदन किया था।
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उस समय भी मोदी के श्रीनगर पहुंचने से पहले आतंकियों ने पुलिस मुख्यालय मे ग्रेनेड धमाका किया था, इसमें तत्कालीन पुलिस महानिदेशक जेएन सक्सेना बुरी तरह से घायल हो गए थे। तिरंगा फहराने के दौरान आतंकियों ने रॉकेट भी दागे जो निशाना चूक गए थे। तिरंगा फहराने के बाद मुरली मनोहर जोशी और मोदी सहित सभी बीजेपी नेता सकुशल कश्मीर से वापस लौट गए थे।