इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद में स्थित सफारी पार्क के शेर पटौदी और मरियम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जिले गोरखपुर में निर्माणाधीन अशफाक उल्ला प्राणी उद्यान की शान बनेंगे।
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इन दोनों शेरों को कड़ी सुरक्षा के बीच इटावा सफारी पार्क के डाक्टर और कीपरों की टीम शाम 4 और 5 बजे के बीच गोरखपुर के लिए रवाना किया गया। इटावा सफारी पार्क के निदेशक राजीव मिश्रा ने बताया कि लायन सफारी में 18 माह का वक्त गुजारने के बाद पटौदी और मरियम की जोड़ी को भेजा जा रहा है।
वह गोरखपुर चिड़ियाघर के लिए ही यहां लाए गए थे। दोनों को सकुशल पहुंचाने के लिए एक डाक्टर, फारेस्टर, दो कीपर साथ भेजे जाएंगे। शाम 4 और 5 बजे गोरखपुर भेजे जाने के पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि दोपहर में घूप की तीव्रता कुछ अधिक रहती है शाम को तापमान सामान्य रहेगा इसलिए उनकी यात्रा में कोई कठिनाई नहीं होगी। दो घंटे का एक रेस्ट भी शेरों को बीच रास्ते में दिया जायेगा ताकि उनको खाना पानी दिया जा सके।
निदेशक ने बताया कि यहां से शेरों के गोरखपुर चले जाने पर लायन सफारी के खुलने पर पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि सफारी के खुलने के लिए यहां पर पर्याप्त शेर है। इटावा से गोरखपुर शेर भेजे जाने को लेकर समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने पत्रकारों से वार्ता कई तरह के सवाल खड़ा किये है। उनका कहना है कि सफारी पार्क से शेरों को भेजा जाना उचित नहीं है जो शेर इटावा के लिए आये थे उनको इटावा ही रहना देना चाहिए था।
उनका कहना है कि इटावा से शेरों को मंगाया जाना कहीं ना कहीं लायन सफारी को खुलने की प्रकिया पर जरूर असर पड़ेगा। उनका कहना है कि भले ही इटावा सफारी पार्क आम पर्यटको के लिए खोल दिया गया हो लेकिन सफारी का मुख्य आकर्षण लायन सफारी ही है जिसको खोला जाना बेहद ही जरूरी है। उनकी मांग है कि सरकार को लायन सफारी को त्वरित ढंग से पर्यटकों के लिए खोला जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में बन रहे शहीद अशफाक उल्ला प्राणी उद्यान के लिए इटावा सफारी पार्क के दो एशियाटिक शेरों को जायेगा। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की अनुमति के बाद शेर पटौदी व शेरनी मरियम को भेजा जायेगा। गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट शहीद अशफाक उल्ला प्राणी उद्यान को भेजने के लिए इन शेरों चयन किया गया है। यह प्राणी उद्यान बनकर तैयार हो गया है और मार्च में इसका शुभारंभ किया जाना है।
इटावा सफारी में 26 सितंबर 2019 को गुजरात से सात शेरों को लाया गया था। इनमें से एक शेर तौकीर की मौत हो चुकी है। 25 सितंबर 2019 को गुजरात से इटावा सफारी पार्क लाये गये तौकीर शेर ने 6 अक्टूबर से बिल्कुल खाना बंद कर दिया था। मथुरा और आईबीआरडी बरेली के डाक्टरों को सूचना दी गई थी। बरेली और मथुरा डाक्टरों ने यहां आकर जांच की और ग्लूकोज चढ़ाया था। शेर की तबियत में सुधार न होने पर 10 अक्टूबर को मथुरा के डाक्टर आये थे। डाक्टरों के प्रयास के बावजूद तौकीर (शेर) की 12 अक्टूबर 2019 को मौत हो गई।
25 सितंबर को गुजरात से इटावा सफारी पार्क लाये गये शेर शेरनियोंं और शावकों में तौकीर शेर इकलौता नर शेर था। तौकीर के साथ ही शेरनी तेजश्वनी, मरियम, जेनीफर और तीन अन्य शावक भी लाये गये रहे। वन विभाग ने इसके लिए प्रदेश स्तर पर एक समिति भी बनाई थी। समिति ने फैसला करके दो शेरों पटौदी व मरियम को भेजने का फैसला किया है। गुजरात से लाए गए शेरों को प्रशिक्षित किया जा चुका है और यहां की आबोहवा में वे पूरी तरह ढल चुके हैं। 25 सितंबर 2019 को जूनागढ़ से लाए शेर पटौदी और शेरनी मरियम को शनिवार को विशेष वाहन से गोरखपुर रवाना कर दिया जाएगा। वह वहां गोरखपुर चिड़ियाघर की शोभा बढ़ाएंगे।