प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की नजर अब नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला पर है। ईडी ने उनको समन जारी किया है। ईडी ने फारुक अब्दुल्ला से 31 मई तक जांच के लिए दिल्ली स्थित हेडक्वार्टर आने के लिए समन भेजा है। यहां पर ही उनसे पूछताछ होगी। ईडी ने इससे पहले फारुक अब्दुल्ला के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी 12 करोड़ रुपए की संपत्ति को अटैच किया था। ईडी ने फारुक अब्दुल्ला के खिलाफ यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की थी।
पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला ने दिसंबर 2020 में जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी थी। तब ईडी ने आरोप लगाया था कि पूर्व मुख्यमंत्री जब जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे तब उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया था। वर्ष 2001 से 2011 के बीच फारुक अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे। फारुक अब्दुल्ला पर आरोप है कि उन्होंने इस दौरान बीसीसीई की संस्था में अपने लोगों की नियुक्ति मनमाने तरीके से उनको लाभ के नजरिए से की। आरोप है कि इससे आने वाली स्पॉन्सरशिप की राशि को बाहर भेजे जाने का आरोप लगा था।
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अब फारुक अब्दुल्ला ने आरोप लगाया है कि ईडी ने उनकी जो संपत्ति अटैच की है वह कथित क्रिमिनल केस से जुड़ी हुई नहीं है। उनका ये भी कहना है कि इसका मुकदमे में कहीं जिक्र भी नहीं है। उन्होंने अपनी सम्पत्ति को अटैच करने को मौलिक अधिकारों का हनन करार दिया है। उनकी पार्टी के सांसद हसनैन मसूदी ने कहा कि ये संपत्तिया तो पूर्वजों से मिली थीं इसे कैसे अपराध में शामिल दिखाया जा सकता है।