राजधानी लखनऊ में एससी एसटी कोर्ट में हुए संजीव जीवा हत्याकांड को लेकर यूपी पुलिस के साथ एसआईटी लगातार जांच कर रही है। पूरे मामले को लेकर एसआईटी भी लगातार सबूत इकट्ठे कर रही है। जिसमें कई चीजें निकलकर सामने आई है।
संजीव जीवा की हत्या से पहले की गई थी रेकी
पुलिस सूत्रों के अनुसार हत्या से 2 दिन पहले हत्यारोपी विजय यादव अपने साथियों के साथ रेकी करने के लिए कोर्ट तक गया था। कोशिश थी कि मौका मिलेगा तो 5 जून को ही हत्या कर दी जाएगी। हालांकि उस दौरान उसके साथ दो-तीन और लोगों के रहने की भी जानकारी निकलकर सामने आई है। जिनके लिए पूरा प्लान तैयार किया गया था।
जिसमें वह जेल से कोर्ट पेशी पर आने के दौरान कितनी सुरक्षा के साथ आता है? कचहरी लॉकअप से कितनी देर बाद कोर्ट रूम के लिए निकलता है? यह सब जानकारी रखने के लिए लगातार उसकी रेकी की जा रही थी। रेकी कर जगह और हत्यारों की संख्या तय की गई थी। जिससे पूरे फुलप्रूफ तरीके से हत्याकांड को अंजाम दिया जा सके। 7 जून 2023 को sc-st कोर्ट में संजीव जीवा को कई गोलियां मारकर हत्या की गई थी।
7 जून को संजीव जीवा की हत्या से पहले 5 जून को भी थी पेशी
संजीव जीवा हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस ने कोर्ट में पेशी पर आने का पूरा विवरण निकलवाया है। जिससे यह पता चला कि वह लगातार पेशी पर लाया जा रहा था। हालांकि इस दौरान उसके साथ भारी-भरकम सुरक्षा भी रहती थी। 7 जून से पहले 5 जून को भी कोर्ट में उसकी पेशी थी। उस दिन भर भी हत्यारों ने हत्या करने की कोशिश की थी। लेकिन पहले से प्लान ना होने की वजह से वह हत्याकांड को अंजाम नहीं दे सके थे।
हालांकि उसके मूवमेंट पर लगातार नजर रखी जा रही थी। जेल दस्तावेजों से पता चला कि मई महीने में 6 मई को पहली बार संजीव जीवा को पेशी पर लाया गया था। उसके बाद 10 मई फिर 15, 17, 20, 22, 24, 25, 26 और 30 मई को उसको पेशी पर लाया गया। हर दो या 3 दिन के अंतराल पर लगातार संजीव जीवा को कोर्ट में पेश किया जा रहा था। जून महीने की पहली पेशी 3 जून को उसके बाद 5 जून और 7 जून को जब उसको पेशी पर लाया गया इसी दौरान उसकी हत्या कर दी गई।
हत्यारोपी विजय यादव के साथ ही संजीव जीवा के साथियों से भी पूछताछ
यूपी पुलिस ने हत्यारोपी विजय यादव से जेल में जाकर पूछताछ की। लेकिन पुलिस की पूछताछ में कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। हालांकि पुलिस लगातार अब तक आए जवाबों के आधार पर उनकी पुष्टि करने में जुटी हुई है। यूपी पुलिस ने नैनी और फतेहगढ़ जेल में बंद संजीव जीवा के दो साथियों से भी पूछताछ की है। इन जेलों में बंद अपराधी पहले मुख्तार गिरोह के लिए काम करते थे। उसके बाद ये संजीव जीवा के साथ संपर्क में थे।
हत्यारोपी के बयानों के आधार पर भी पुलिस अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है। साथ ही कॉल डिटेल के आधार पर भी कुछ जानकारियां पुलिस के हाथ लगी है। फतेहगढ़ जेल में बंद एक अपराधी संजीव जीवा का काफी खास था। लेकिन कृष्णानंद राय हत्याकांड के दौरान गवाही को लेकर कुछ विवाद हो गया था। जिसके बाद संजीव जीवा से वह अलग हो गया। सूत्रों के अनुसार संजीव जीवा हत्याकांड में पुलिस के हाथ बहुत ज्यादा कुछ नहीं लगा है। लेकिन कई जानकारियां जरूर मिली है। जिससे पुलिस अपनी जांच को नई दिशा में आगे बढ़ा रही है।
हत्यारोपी विजय यादव की बयान की पुष्टि के लिए काठमांडू रवाना हुई टीम
संजीव जीवा की हत्या करने वाले हत्यारोपी विजय यादव के बयानों की पुष्टि करने के लिए यूपी पुलिस की टीम काठमांडू के लिए निकल चुकी है। एक इंस्पेक्टर, दो सब इंस्पेक्टर समेत चार पुलिसकर्मी काठमांडू में कई बिंदुओं को लेकर जांच करेंगे। पुलिस पूछताछ में विजय यादव ने काठमांडू के एक होटल का नाम लिया था। जहां उसे असलम नाम का शख्स मिला था। यहां उसे एक अन्य व्यक्ति से भी मिलवाया गया जिसकी पुष्टि के लिए टीमें वहां से साक्ष्य जुटाने की कोशिश करेंगी। विजय के कई बयान पड़ताल गलत साबित हो चुके हैं।
विजय को रिवॉल्वर देने वाले की पहचान नहीं
विजय यादव ने बयान दिया था उसे कैसरबाग बस अड्डे पर असलम का एक साथी मिला था। उसने उसे होटल में रुकवाया फिर कोर्ट परिसर में जाने से पहले उसे रिवाल्वर दी। रिवाल्वर देने के बारे में फिलहाल पुलिस के हाथ कुछ पुख्ता सबूत नहीं लगा है। इस व्यक्ति की तलाश के लिए पुलिस की टीम ने कई सीसीटीवी फुटेज भी निकलवाए हैं।