पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने BJP सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि साल 2021 में जनगणना हो जानी चाहिए थी, लेकिन वर्तमान सरकार उसे टालती रहती है। उनकी मांग है की जाति पर आधारित जनगणना शीघ्र होनी चाहिए। यदि उनकी सरकार आती है तो अगले साल 2024 में यह उनकी प्राथमिकताओं में रहेगा। उन्होंने कहा कि यह इसलिए जरूरी है जिससे मालूम पड़े कि उन जातियों के लिए क्या किया जाना अब भी बचा हुआ है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि केंद्र द्वारा संवैधानिक आरक्षण को समाप्त करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। सरकारी पद नहीं भरे जा रहे हैं। चतुर्थ श्रेणी के पदों को खत्म कर दिया गया है। रेल, टेलीकॉम, हवाई, रक्षा आदि क्षेत्रों को पूंजीपतियों को बेचा जा रहा है। जब यह संस्थाएं उपल्ब्ध नहीं रहेगी तब पद भी नहीं होंगे और आरक्षण अपने आप ही पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा।
उन्होंने कांग्रेस की सरकार आने पर इस पर अंकुश लगाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही रिक्त पदों का आकलन साल 2014 से करने पर निर्णय लिया गया है। महिला आरक्षण पर उन्होंने कहा कि इसे केंद्र सरकार ने साल 2033 तक लटकाने का कार्य किया है।
केंद्र के मुताबिक, पहले जनगणना होगी, फिर परिसीमन होगा और उसके बाद लंबी प्रक्रिया के बाद आरक्षण पूरी तरीके से लागू किया जाएगा। उनकी मांग है कि जैसे निकायों में सीटें आरक्षित होती हैं वैसे ही केंद्र में भी सीटों का आरक्षण हो। आगे कहा कि लोकसभा में महिलाओं को 33 % आरक्षण में कांग्रेस एक सब कोटे के तहत OBC महिलाओं के लिए आरक्षण चाहती है।
वहीं उन्होंने डोईवाला के स्थानीय मुद्दों पर भी खुलकर बात की। उन्होंने आरोप लगाया कि सूर्याधर झील में भ्रष्टाचार हुआ जिस पर BJP के ही कई नेताओं ने उंगलियां उठाई हैं। उन्होंने कहा कि डोईवाला शुगर मिल को बेचने का षड्यंत्र रचा जा रहा है और रानीपोखरी में प्रस्तावित लॉ यूनिवर्सिटी को जानबूझकर लटकाया जा रहा है। जिससे एयरपोर्ट और डोईवाला के आसपास वाली जमीनों को पूंजीपतियों को बेचा जा सके।