विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले ही भाजपा द्वारा उत्तर प्रदेश में पसमांदा विमर्श शुरू किया गया जिसकी कार्ययोजना उत्तर प्रदेश में भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने बनाकर कमान भाजपा के युवा मुस्लिम पसमांदा समाज के कार्यकताओ के हाथो में दी और मुस्लिम समाज ने बसपा से ज्यादा वोट भाजपा को किया आज उसी का परिणाम है कि भाजपा ने योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में अपनी दूसरी पारी में जिस तरह एक काबिल मुस्लिम पसमांदा नौजवान को मंत्री बनाया उसने सभी को चौंका दिया वो न MLA है न MLC फिर भी मंत्री बनाया जो “अंसारी” बिरादरी से है।

एक पसमांदा नौजवान “सैफी” है जिसे योगी जी ने अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाया एक पसमांदा नौजवान जावेद मलिक है जो भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष व अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं यानी बात सपाट ये है कि भाजपा बुनियादी तौर पर पसमांदा मुस्लिम समाज को सम्मान देने में दरियादिली दिखा रही हैं जो वर्ग अब तक अछूता रहता था उसे वो छू रहे है।
मुस्लिम नाम पर चंद “स्वर्ण मुस्लिम” नेता पूरे समाज की ठेकेदारी करते थे उन्हीं को पद मिलते थे उन्हीं को सम्मान और वो सब।जिसका हकदार पसमांदा समाज का योग्य युवा रहा है।पसमांदा मुस्लिम समाज की हर बिरादरी को भाजपा छू रही हैं यानी भाजपा एक बड़े विजन के साथ परंपरागत व्यवस्थाओं को बदलने का संकेत दे चुकी हैं। आने वाला समय उत्तर प्रदेश में पसमांदा युवा नेताओं का रहेगा इसके स्पष्ट संकेत अब सबके सामने हैं।
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine