कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर गुरुवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। शाह ने मंगलवार को चल रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में भीमराव अंबेडकर पर टिप्पणी की थी, जिससे विवाद पैदा हो गया है। इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस देश भर में सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटियों (पीसीसी) के राज्य और जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करेगी।
विपक्षी दल उठा रहे अतीक शाह की टिप्पणी का फ़ायदा
बीआर अंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी से बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है, कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को घेरने के लिए टिप्पणियों का फायदा उठाया है।
कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, आरजेडी, वामपंथी दलों और शिवसेना-यूबीटी सहित लगभग सभी विपक्षी दलों की ओर से किए गए हमले के कारण बुधवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को अमित शाह का बचाव करना पड़ा।
अमित शाह ने बीआर अंबेडकर के बारे में क्या कहा?
यह सब मंगलवार को राज्यसभा में अमित शाह की टिप्पणी से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस नेताओं को स्वर्ग में जगह मिल सकती थी, यदि उन्होंने अम्बेडकर का नाम दोहराने के फैशन का पालन करने के बजाय भगवान का नाम जप लिया होता।
अमित शाह ने यह भी कहा था कि भाजपा इस बात से खुश है कि कांग्रेस अंबेडकर का नाम ले रही है, लेकिन पार्टी को उनके प्रति अपनी वास्तविक भावनाओं के बारे में भी बताना चाहिए।
अमित शाह के अंबेडकर संबंधी बयान से राजनीतिक विवाद
अमित शाह की टिप्पणी ने बड़े राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया तथा कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने उनके इस्तीफे की मांग की और कहा कि यह संविधान के निर्माता का अपमान है।
केजरीवाल के नेतृत्व में आप कार्यकर्ताओं ने किया जोरदार प्रदर्शन
संसद में हंगामा दिल्ली की सड़कों और महाराष्ट्र, बिहार और तमिलनाडु तक फैल गया। दिल्ली में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सैकड़ों समर्थक भाजपा कार्यालय के बाहर एकत्र हुए और ‘अमित शाह माफ़ी मांगो, अमित शाह शर्म करो’ के नारे लगाते हुए जोरदार प्रदर्शन किया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में अंबेडकर के प्रति जरा भी सम्मान है तो उन्हें आज ही गृह मंत्री को बर्खास्त कर देना चाहिए, नहीं तो शाह खुद ही इस्तीफा नहीं देंगे।
अमित शाह के बचाव में उतरे पीएम मोदी
विपक्ष की तीखी आलोचना के बीच, पीएम मोदी ने बुधवार को अमित शाह का बचाव करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस और उसका सड़ा हुआ पारिस्थितिकी तंत्र सोचता है कि उनके दुर्भावनापूर्ण झूठ उनके कई वर्षों के कुकर्मों विशेष रूप से डॉ. अंबेडकर के प्रति उनके अपमान को छिपा सकते हैं, तो वे गलत हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉ. अंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए हर संभव गंदी चाल चली है।
अमित शाह ने क्या पलटवार
अमित शाह ने भी बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कांग्रेस पर बीआर अंबेडकर विरोधी और संविधान विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने खड़गे के इस्तीफे की मांग पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे कांग्रेस पार्टी के भाग्य पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। शाह ने यह भी दावा किया कि उनके इस्तीफे के बावजूद कांग्रेस पार्टी अगले 15 साल तक विपक्ष में ही रहेगी।