कांग्रेस अपने गढ़ और सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में पंचायत चुनावों को लेकर पिछड़ रही है। कभी रायबरेली की मुख्य पंचायत पर वर्षो तक काबिज़ रही पार्टी अभी तक उम्मीदवार ही तय नहीं कर पाई है। हालांकि इसके पीछे प्रियंका वाड्रा के आसाम चुनाव में व्यस्तता और होम आइसोलेशन में होने का कारण माना जा रहा है। जबकि भाजपा और सपा ने अपने ज्यादातर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है और संगठन के जरिये भी पंचायत चुनावों में काफी पहले से सक्रिय है। कांग्रेस द्वारा की जा रही इस देरी से पार्टी के कार्यकर्ताओं में असमंजस बना हुआ है नामांकन भी शुरू होने से समर्थकों में भी ऊहापोह है।
दरअसल, जिला पंचायत की 52 सीटों पर भाजपा ने अपने सभी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी, जबकि सपा भी 29 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर चुकी है। इन पार्टियों ने संगठन के पदाधिकारियों को भी चुनावी तैयारियों के लिये लगाया हुआ है। दोनों पार्टियां जिला पंचायत पर कब्जे को लेकर काफी सक्रिय है, जबकि सबसे लंबे समय तक जिला पंचायत की कुर्सी पर कब्जा जमाने वाली कांग्रेस खेमे में अभी कोई हलचल नहीं दिख रही है। उम्मीदवारों के चयन में जरूर अंदर खाने माथापच्ची चल रही है लेकिन सूत्रों के अनुसार अंतिम मुहर पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा की सहमति के बाद ही लगेगी। प्रियंका अभी तक आसाम चुनाव में व्यस्त थी जबकि इस समय उनके दिल्ली में ही होम आइसोलेशन में होने की ख़बर है। पार्टी की उम्मीदवारों की लिस्ट में हो रही देरी के पीछे भी यह अहम कारण माना जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि 2018 में जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह के भाजपा में शामिल होने के बाद यह कुर्सी कांग्रेस से छिन गई थी,जिसे वह किसी भी कीमत में अपने पास चाहती है। इसको लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश है और कई प्रमुख कार्यकर्ता चुनावी समर में उतरने को बेताब है लेकिन उम्मीदवारों के चयन में असमंजस की स्थिति से उनमें निराशा है। हालांकि पार्टी के पदाधिकारियों का कहना है कि पंचायत चुनावों की तैयारी चल रही है और लिस्ट जल्द ही घोषित कर दी जाएगी।
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पार्टी के जिलाध्यक्ष पंकज तिवारी के अनुसार संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता चुनावों को लेकर सक्रिय हैं और सभी से विचार विमर्श के बाद जल्द ही उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी जाएगी।