वाराणसी में कांग्रेस के नेता हरीश मिश्रा की गिरफ्तारी से पार्टी के कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ रही है। आईटी एक्ट में गिरफ्तार नेता के पक्ष में लामबंद पार्टी कार्यकताओं ने आरोप लगाया कि मिश्रा की गिरफ्तारी अभिव्यक्ति की आजादी पर खुला हमला है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने योगी सरकार पर लगाए आरोप
पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन कार्यालय में बैठक कर शुक्रवार को कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि गिरफ्तारी लोकतांत्रिक अधिकारों के विरुद्ध सीधे-सीधे दमनात्मक कार्यवाही है। पार्टी नेताओं ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को निशाने पर लेकर कहा कि कुछ लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के चित्र पर प्रतीकात्मक रूप से गोलियां दागते हैं। महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम को खुलेआम महिमामंडित करते हैं। तमाम राष्ट्र नायकों के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी करते है। तब वर्तमान सत्ता के लोगों को न तो आईटी एक्ट दिखाई पड़ता है और ना ही मर्यादा का हनन। शासन-प्रशासन का यह दोहरा चरित्र पक्षपातपूर्ण रवैया घातक है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हरीश मिश्रा पर लगाए गए आरोपों को वापस लेने की मांग की।
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बताते चले,बीते बुधवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सोशल मीडिया में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में कांग्रेस नेता हरीश मिश्रा को गिरफ्तार किया था। जिला जेल में दाखिल करने से पहले उनकी कोरोना जांच कराई गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसको लेकर भी हड़कंप मचा रहा। पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष विजय शंकर पान्डेय, बैजनाथ सिंह, प्रो. अनिल कुमार उपाध्याय, विजयशंकर मेहता, शैलेन्द्र सिंह आदि शामिल रहे।