मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन में पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना का शुभारंभ किया। इसके तहत प्रदेश के लगभग 22 लाख सेवारत एवं सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों और उनके आश्रितों सहित 75 लाख से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सालों से कैशलेस इलाज की राज्य कर्मचारियों की मांग पूरी हुई। इससे कर्मचारियों को इलाज कराने में सुविधा होगी। आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। एक साल में पांच लाख कैशलेस इलाज होगा। तेजी से उत्तर प्रदेश का विकास हो रहा है। इस योजना से 75 लाख लोगों को लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि जो लोग अच्छा काम करेंगे उसे लोग याद करेंगे। कोरोना में बिना रुके बिना थके काम किया गया। राज्यकर्मियों की बड़ी समस्या थी कि अस्पताल में इलाज करवाने के लिए पैसे लगते थे। सरकारी अस्पतालों और साथ ही इम्पैनल्ड अस्पताल में भी अब राज्य कर्मचारी इलाज करवा सकेंगे। इस योजना के लिए हमने पिछले ही कार्यकाल के अंतिम समय में कार्ययोजना तैयार करने को कह दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने कार्मिकों को कार्मिक नहीं अपना परिवार मानती है। जिस प्रकार सरकार आपकी चिंता कर रही है, उसी प्रकार आप भी एक कॉमन मैन की चिंता करेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश एक बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश है। उत्तर प्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है जिसने महामारी में अपने राज्य कर्मचारी के लिए कोई कटौती नहीं की। कोई सुविधा नहीं रोकी। जब टीमवर्क काम करती है तो काम आसान होता है।
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बुखार से लेकर कैंसर तक का इलाज
उत्तर प्रदेश के समस्त सरकारी चिकित्सा संस्थानों के अतिरिक्त आयुष्मान भारत योजना में चिह्नित प्रदेश एवं अन्य राज्यों के सभी निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिलेगी। बुखार से लेकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों तक का निःशुल्क उपचार इस योजना के तहत किया जाएगा। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र समेत कई प्रमुख लोग मौजूद रहे।