उत्तर प्रदेश विधानसभा में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान अखिलेश यादव को करारा जवाब दिया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामचरितमानस विवाद पर समाजवादी पार्टी को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि एक पवित्र ग्रन्थ को फाड़ा गया और उसे जलाया गया. क्या यह सनातन धर्म का अपमान नहीं था. मुख्यमंत्री ने उस विवादित चौपाई का भी अर्थ समझाया जिसको लेकर विवाद शुरू हुआ था.
मुख्यमंत्री ने कहा चौपाइयों की सही व्याख्या होनी चाहिए। तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना अवधी में की है. अवधि में ताड़न का क्या अर्थ होता है? उन्होंने कहा कि ताड़न का अर्थ होता है ध्यान देना, उचित शिक्षा देना. उन्होंने कहा शूद्र का मतलब क्या है. शूद्र का मतलब श्रमिक वर्ग से है. बाबा साहेब आंबेडकर ने कहा था कि दलित को कोई शूद्र नहीं कहेगा, लेकिन आपने उसका भी ख्याल नहीं रखा. उन्होंने रामचरितमानस की एक चौपाई के साथ तंज भी कसा और कहा- “जाको प्रभु दारुण दिख दीन्हा, ताकि मति पहले हर लेना.”
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सपा ने माफियाओं को पोषित किया
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अखिलेश यादव ने उमेश पाल हत्याकांड का मुद्दा उठाया. जिसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने करारा हमला किया. उन्होंने कहा कि इन गुंडों और माफियाओं को पाला किसने? उमेश पाल के परिवार ने जिस अतीक अहमद के ऊपर आरोप लगाया है, उसे पाला पोसा किसने? उस माफिया के खिलाफ हमने कार्रवाई की. क्या यह सच नहीं है कि उस माफिया को समाजवादी पार्टी ने ही एमएलए और एमपी बनाया. ये लोग चोरी और सीनाजोरी कर रहे है.