देवरिया की सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में जीतेंगे भी त्रिपाठी जी और हारेंगे भी त्रिपाठी जी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा सीटों के लिये हो रहे उपचुनाव में देवरिया की सदर सीट का चुनाव काफी दिलचस्प होगा। यहां जितने भी उम्मीदवार हैं वो सभी ब्राह्मण है और सभी के उपनाम त्रिपाठी हैं। जानकारों के मुताबिक इतिहास में यह पहली बार होगा। यहां चारों प्रमुख दलों ने अपना प्रत्याशी त्रिपाठी ही बनाया है। इसलिये मान लिया जाए कि प्रत्याशी त्रिपाठी ही जीतेगा और त्रिपाठी ही हारेगा।
भाजपा विधायक जन्मेजय सिंह के निधन के कारण हो रहे उपचुनाव में भाजपा ने जहां सत्य प्रकाश मणि पर दांव लगाया है। वहीं बसपा ने अभय नाथ त्रिपाठी को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस की बात करें तो उन्होंने मुकुंद भास्कर मणि त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाया है और समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री ब्रह्मशंकर त्रिपाठी को चुनाव मैदान में उतार दिया है। भाजपा के प्रत्याशी सत्य प्रकाश मणि त्रिपाठी देवरिया जिला पंचायत सदस्य भी रहे हैं। देवरिया के वोटरों की मानें तो उनको लगता है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार और पूर्व में भाजपा के ही विधायक देवरिया में रहने के कारण भाजपा प्रत्याशी को मजबूत दावेदार माना जा रहा है।
इसके बावजूद वोटर यह भी कह रहे हैं बसपा और सपा प्रत्याशी भी पिछली बार तक दूसरे स्थान पर रहे हैं और चुनाव लड़ने का अच्छा अनुभव रखते हैं। ऐसे में जीत किसी की भी हो इस सीट से किसी त्रिपाठी उम्मीदवार की जीत और हार भी तय है। जहां बात बसपा प्रत्याशी की करें तो वह पहले भी इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं और भाजपा के जन्मेजय सिंह से हार गये थे। वो भाजपा प्रत्याशी को कड़ी ट्क्कर दे सकते हैं। सपा नेता ब्रह्मशंकर त्रिपाठी समाजवादी पार्टी सरकार में पांच बार विधायक रहे हैं लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में देवरिया की कसया सीट पर भाजपा के उम्मीदवार से चुनाव हार गये थे। कांग्रेस के मुकुंद भास्कर मणि त्रिपाठी यूथ कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री रह चुके हैं।