दिल्ली के कंझावला हिट एंड रन केस में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आयी है. जी मीडिया संवाददाता ने सूत्रों के हवाले से बताया कि वारदात के दो घंटे तक लॉ एंड ऑर्डर जोन 2 और जिले के पुलिस अधिकारी सक्रिय नहीं हुए थे. स्पेशल सीपी शालिनी सिंह की देखरेख में बनी विशेष जांच टीम की शुरूआती जांच में ये बातें सामने आई हैं.जांच में यह भी सामने आया है कि पुलिस की किसी भी यूनिट का रेस्पांस ठीक नहीं था. युवती को 13 किलोमीटर कार से घसीटने के दौरान 24 घंटे की दो पिकेट व पांच पीसीआर भी आरोपियों और उसके कार को नहीं देखा. गृह मंत्रालय द्वारा बनाई गई कमिटी एक या दो दिन अपनी रिपोर्ट दिल्ली पुलिस कमिश्नर को सौंप सकती है.
एक न्यूज़ चैनल संवाददाता ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सुल्तानपुरी कांड के दो घंटे तक आउटर और रोहिणी जिले के सीनियर पुलिस अधिकारी एक्टिव तक नहीं हुए थे. किसी भी यूनिट का रेस्पांस ठीक नहीं था. ढ़ाइ घंटे तक किसी के पास कोई प्लानिंग तक नहीं थी. 13 किमी के स्ट्रेच पर 24 घंटे की दो पिकेट थीं और पांच पीसीआर थीं. मगर पिकेट पर तैनात पुलिसकर्मी पीसीआर में तैनात पुलिसकर्मी भी आरोपियों और उसकी कार को देख नहीं पाए. टीम की जांच में पीसीआर के सीनियर अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आई है.
ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर गिर सकती है गाज
जांच कमेटी की शुरुआती जांच में पता लगा कि आउटर और रोहिणी जिले के सीनियर पुलिस ऑफिसर्स के बीच तालमेल और कोडिनेशन नहीं के बराबर था. हालांकि रिपोर्ट में किसी अधिकारी का नाम नहीं है. जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद कंझावला और सुल्तानपुरी इलाके के संबंधित पुलिस अधिकारी व ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों पर गाज गिर सकती है. हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. बता दें कि सुल्तानपुरी थाने में पुलिस पांचों आरोपियों से लगातार पूछताछ चल रही है. पांचों आरोपियों को पुलिस रिमांड आज खत्म हो रही है.