आजमगढ़ के फूलपुर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक रमाकांत यादव की जमानत अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ख़ारिज कर दी. पूरा मामला 2022 के जहरीली शराब कांड से जुड़ा है, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 60 लोग बीमार हुए थे. इस दौरान हाईकोर्ट ने तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा कि माफियाओं का लोकसभा और विधानसभा के लिए चुना जाना हमारे चुनाव सिस्टम की गंभीर खामी है.

जस्टिस डीके सिंह की सिंगल बेंच ने जमानत याचिका ख़ारिज करते हुए कहा कि, “मौजूदा लोकसभा के 43 फ़ीसदी सदस्य आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं. रमाकांत यादव के खिलाफ 48 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमे से 8 मुकदमे हत्या से जुड़े हुए हैं. इसके अलावा अपहरण, फिरौती और दुष्कर्म जैसे गंभीर मुकदमे भी शामिल है. इतने खतरनाक माफिया और बाहुबली का बार-बार चुनाव जीतना हमारे सिस्टम की खामी है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के चुनाव सिस्टम पर सवालिया निशान है. जहरीली शराब मामले में रमाकांत यादव के खिलाफ आजमगढ़ में दो मुकदमे दर्ज हैं.”
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हाईकोर्ट ने भी रमाकांत यादव को माफिया माना
हाईकोर्ट ने भी रमाकांत यादव को माफिया मानागौरतलब है कि रमाकांत यादव आजमगढ़ से दो बार सांसद और पांच बार के विधायक है. वे सभी प्रमुख दलों से चुनाव लड़ चुके हैं. हाईकोर्ट ने भी रमाकांत यादव को माफिया माना और कहा कि इन्होंने आस्चर्यजनक रूप से करोड़ों की प्रॉपर्टी बना ली है. ऐसे लोग आमजन को डरा धमकाकर उनकी प्रॉपर्टी पर कब्ज़ा करते हैं.
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